चौका बाजार समिति के पदाधिकारियों पर अतिक्रमण और निष्क्रियता के आरोप, प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग
विधायक के निर्देश को भी कर दिया अनसुना, स्थानीय लोगों में बढ़ी नाराजगी

चांडिल : चौका बाजार समिति के पदाधिकारियों पर अतिक्रमण और निष्क्रियता के गंभीर आरोप लग रहे हैं। समिति के कई सदस्यों का कहना है कि जब पांच वर्ष पूर्व चौका बाजार समिति का गठन हुआ था तब इसका कार्यकाल केवल एक वर्ष के लिए निर्धारित था। लेकिन इसके बावजूद मौजूदा पदाधिकारी बिना किसी चुनाव या बैठक के अपने पद पर बने हुए हैं और बाजार के विकास की बजाय सड़क एवं नाली पर अतिक्रमण कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि समिति की कोई मासिक बैठक नहीं होती और ना ही बाजार के विकास को लेकर कोई ठोस योजना बनाई गई है। हाल ही में चुनावी आचार संहिता के दौरान जब एक राजनीतिक नेता द्वारा बाजार की नाली की सफाई कराई गई तो बाजार समिति के पदाधिकारी बिना किसी योगदान के श्रेय लेने में जुट गए। चौका-कांड्रा सड़क मार्ग पर पिछले तीन वर्षों से सभी स्ट्रीट लाइट और हाई मास्ट लाइट खराब पड़ी हुई हैं लेकिन बाजार समिति के पदाधिकारियों ने इसकी मरम्मत के लिए कोई पहल नहीं की। जबकि समिति गठन के समय सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा लगाने, बाजार की सफाई और विधि-व्यवस्था को सुधारने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन आज तक इन कार्यों को लागू करने की कोई कोशिश नहीं हुई। 28 दिसंबर को ईचागढ़ विधायक सविता महतो की अध्यक्षता में चांडिल अनुमंडल कार्यालय में चौका से संबंधित कंपनियों के साथ एक बैठक हुई थी। बैठक में विधायक ने सभी कंपनियों को सीएसआर फंड के तहत चौका बाजार के नालों की सफाई कराने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद बाजार समिति के पदाधिकारियों ने इस मामले को संज्ञान में नहीं लिया और कंपनियों के साथ कोई समन्वय स्थापित नहीं किया। स्थानीय व्यापारियों और आम नागरिकों का कहना है कि यदि बाजार समिति के पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ हैं तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि बाजार के विकास के लिए नई समिति का गठन किया जा सके। लोगों का यह भी कहना है कि यदि बाजार समिति सीएसआर फंड के तहत बाजार में साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट की मरम्मत और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना बनाती तो बाजार की स्थिति काफी बेहतर हो सकती थी। चौका बाजार के स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और नगर निकाय से बाजार समिति की निष्क्रियता पर संज्ञान लेने और नए चुनाव कराने की मांग की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और बाजार समिति के पदाधिकारी कब तक अपनी निष्क्रियता को जारी रखते हैं।