शांतिपूर्ण धरना दे रहे मजदूरों पर अमलगम स्टील के बाउंसरों का हमला, मजदूर नेता गंभीर, श्रमिक संगठनों ने प्रबंधन पर गुंडागर्दी का लगाया आरोप
मनीष बाजपेई की मौत पर धरने के बीच हिंसा, प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन की चेतावनी

कांड्रा : सरायकेला-खरसावां जिले के कांड्रा स्थित अमलगम स्टील एंड पावर लिमिटेड में श्रमिकों और प्रबंधन के बीच लगातार बढ़ रहा तनाव गुरुवार देर रात हिंसक रूप ले बैठा। मृतक मजदूर मनीष बाजपेई के शव के साथ कंपनी गेट पर शांतिपूर्ण धरना दे रहे श्रमिक संगठनों पर अचानक कंपनी के बाउंसरों ने हमला बोल दिया जिससे पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई और हालात अत्यंत तनावपूर्ण हो गए। हिंसक हमले में जोहार झारखंड श्रमिक महासंघ के महामंत्री और प्रमुख मजदूर नेता राजीव पांडे गंभीर रूप से घायल हो गए। बाउंसरों द्वारा बेरहमी से पीटे जाने के बाद उनके सिर पर गहरी चोट आई और चिकित्सकों को 8 टांके लगाने पड़े। राजीव पांडे ने आरोप लगाया कि यह हमला उन्हें मारने की नीयत से कराया गया और उन्होंने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। हमले की खबर फैलते ही मजदूरों में उबाल आ गया और कंपनी प्रबंधन के खिलाफ तीखी नारेबाजी शुरू हो गई। बढ़ते तनाव के बीच मृतक मनीष बाजपेई के परिजनों को 6 लाख रुपये का चेक सौंपा गया जबकि अंतिम संस्कार के लिए 50,000 रुपये नकद अगले दिन देने पर सहमति बनी। हालांकि श्रमिक संगठनों ने स्पष्ट कहा कि यह भुगतान प्रबंधन की संवेदनहीनता और दबाव की नीति को छिपा नहीं सकता। राजीव पांडे ने पूरे प्रकरण की लिखित शिकायत कांड्रा थाना में दर्ज कराने की तैयारी कर ली है। श्रमिक संगठनों का आरोप है कि अमलगम स्टील में बाउंसरों का इस्तेमाल नियम बन चुका है और कंपनी मजदूरों की आवाज़ को दबाने के लिए संगठित तरीके से हिंसा का सहारा ले रही है। उनका कहना है कि कंपनी लगातार सुरक्षा मानकों की अनदेखी, अधिकारों का हनन, और श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन कर रही है। मजदूर संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन और पुलिस ने बाउंसरों व कंपनी प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की तो आने वाले दिनों में कंपनी घेराव, सड़क जाम और बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। उधर कंपनी प्रबंधन का पक्ष अब तक सामने नहीं आया है। मीडिया से दूरी और पुलिस की चुप्पी ने पूरे मामले को और पेचीदा बना दिया है जिससे श्रमिकों में असंतोष लगातार बढ़ रहा है।