एशिया के बड़े औद्योगिक क्षेत्र में घोर अंधकार, JIADA और जिला प्रशासन की लापरवाही ने मजदूरों की जान जोखिम में डाली
हज़ारों कामगार अंधेरे में रोज़ गुजरने को मजबूर, अदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में स्ट्रीट लाइट न होना सुरक्षा पर सीधा हमला

आदित्यपुर : एशिया के बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में शुमार अदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया इन दिनों पूरी तरह अंधकार में डूबा हुआ है और इसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन व JIADA (पूर्व AIADA) दोनों से कोई भी लेने को तैयार नहीं दिख रहा। यहां हर दिन हज़ारों कामगार टाटा स्टील, आरएसवी ट्रांसमिशन, रामकृष्णा फोर्जिंग जैसी विश्व प्रसिद्ध कंपनियों में काम करने आते-जाते हैं लेकिन सूर्य ढलते ही यह पूरा औद्योगिक गलियारा जानलेवा अंधेरे में बदल जाता है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि शाम की छुट्टी के समय जब मजदूरों की सबसे अधिक आवाजाही होती है तब सड़क का हर मोड़, हर चौराहा काले धब्बे की तरह दिखता है, न स्ट्रीट लाइट, न सुरक्षा व्यवस्था। कामगारों के मुताबिक वे रोज़ाना भय, दुर्घटना के जोखिम और अपराध की आशंका के बीच इस सड़क से गुज़रने को मजबूर हैं। राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व जिला प्रवक्ता मुकेश झा ने इसे अत्यंत संवेदनशील और जन-सुरक्षा से सीधा जुड़ा मामला बताते हुए जीयाडा के एमडी प्रेम रंजन और जिला प्रशासन से डबल रोड से टीचर ट्रेनिंग मोड़ तक तुरंत स्ट्रीट लाइट स्थापित करने की मांग की है। झा ने दो टूक कहा कि इस तरह की लचर और असंवेदनशील व्यवस्था सरकार की बदनामी का कारण बन रही है। औद्योगिक क्षेत्र जहां से राज्य का राजस्व और रोजगार दोनों पैदा होता है वहां इस तरह का अंधकार न सिर्फ प्रशासनिक विफलता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय औद्योगिक मानकों के भी विपरीत है। कामगारों के बीच बढ़ता असंतोष इस ओर इशारा करता है कि अगर प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता तो यह मुद्दा श्रमिक सुरक्षा और औद्योगिक माहौल दोनों पर गंभीर असर डाल सकता है।