टेल्को थाना की क्रूरता, कैदी के साथ सड़क पर हस्ताक्षर, हिरासत में टॉर्चर का आरोप
पत्रकार को धमकाया, कैदी को पीटा, पुलिस की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल

गिरफ्तारी से जेल तक सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यशैली, परिवार ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
जमशेदपुर : टेल्को थाना क्षेत्र से सामने आया मामला पुलिस की कार्यशैली पर गहरे सवाल खड़े कर रहा है। एक संदिग्ध मामले में देखा गया कि एक गिरफ्तार युवक से थाना के बाहर सड़क पर पुलिस वाहन की बोनट पर कागज रखकर दो-दो बार हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। इस दृश्य को देख जब एक पत्रकार ने वीडियो बनाना शुरू किया और युवक से बात करनी चाही तो गिरफ्तार युवक ने खुलासा किया कि उसे बीते चार दिनों से लगातार टॉर्चर किया जा रहा है और उसे यह तक नहीं बताया गया कि किस केस में उसे जेल भेजा जा रहा है। युवक की बातों से साफ जाहिर होता है कि उसे गंभीर रूप से पीटा गया है। जब पत्रकार ने यह सब रिकॉर्ड किया और सवाल पूछे तो मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी तैश में आ गए और पत्रकार को धमकाते हुए कहा कि वह गिरफ्तार व्यक्ति से बात नहीं कर सकते। सवाल यह है कि यदि पुलिसकर्मी खुद सड़क पर कैदी से दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करवा रहे हैं तो पत्रकारों का दायित्व और भी बढ़ जाता है कि वे सार्वजनिक स्थान पर हो रही इस तरह की संदिग्ध कार्रवाई को उजागर करें। प्रदीप शर्मा नामक युवक को बिना वारंट और बिना केस बताए तीन दिन पहले हिरासत में लिया गया था। परिजनों का आरोप है कि उसे बिरसानगर थाना ले जाकर तीन दिनों तक शारीरिक और मानसिक यातना दी गई। परिवार को प्रदीप के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। जब परिजन थाने पहुंचे तो उन्होंने प्रदीप के शरीर पर चोट के गंभीर निशान देखे। इसके बाद पुलिस ने उस पर दो देशी कट्टा और छह कारतूस रखने का आरोप लगाकर जेल भेज दिया। परिवार का स्पष्ट आरोप है कि पूरा मामला पुलिस की साजिश है। उन्होंने मांग की है कि यदि प्रदीप ने कोई अपराध किया है तो उसे कानून सजा दे लेकिन इस तरह से फर्जी केस बनाकर प्रताड़ित करना निंदनीय है। परिवार ने इस पूरे मामले की सीबीआई, सीआईडी या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है और झारखंड सरकार, मानवाधिकार आयोग व झारखंड हाईकोर्ट से इसमें हस्तक्षेप करने की अपील की है। सूत्रों के अनुसार मामला अब मानवाधिकार आयोग और जिला प्रशासन की नजर में है और जल्द ही इस पर कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है। स्थानीय समाजसेवी संगठनों और पत्रकार संगठनों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।