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चाईबासा सदर अस्पताल मामला: चार माह के मासूम की मौत पर सिविल सर्जन ने स्पष्ट किया प्रशासनिक पक्ष

रिपोर्ट: VBN News Desk2 घंटे पहलेझारखण्ड

शव वाहन में देरी से उपजा दुर्भाग्यपूर्ण दृश्य, इलाज में नहीं हुई है लापरवाही : डॉ. भारती मिंज

चाईबासा सदर अस्पताल मामला: चार माह के मासूम की मौत पर सिविल सर्जन ने स्पष्ट किया प्रशासनिक पक्ष

चाईबासा : सदर अस्पताल में चार महीने के मासूम बच्चे का शव पिता द्वारा थैले में ले जाने की घटना को लेकर शनिवार को सिविल सर्जन डॉ. भारती मिंज ने अस्पताल प्रशासन की ओर से स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन इलाज में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती गई। सिविल सर्जन के अनुसार शव वाहन की अनुपलब्धता और समय की कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। डॉ. मिंज ने बताया कि 18 दिसंबर की शाम चार माह के कृष्णा चटुम्बा को तेज बुखार और दस्त की शिकायत के साथ सदर अस्पताल लाया गया था। बच्चा पिछले सात दिनों से बीमार था और अस्पताल पहुंचने पर उसकी हालत बेहद गंभीर थी। उसका वजन मात्र 3 किलो 600 ग्राम था और सांस लेने में भी काफी परेशानी हो रही थी। चिकित्सकों ने तत्काल इलाज शुरू किया और स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल रेफर करने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि बच्चे के पिता ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए बाहर ले जाने में असमर्थता जताई और सदर अस्पताल में ही इलाज जारी रखने का अनुरोध किया। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के निरंतर प्रयासों के बावजूद 19 दिसंबर की दोपहर बच्चे की मौत हो गई। मृत्यु के बाद अस्पताल प्रशासन ने तुरंत बिरसा युवा सेवा समिति के शव वाहन से संपर्क किया लेकिन उस समय वाहन मनोहरपुर में होने के कारण उसे चाईबासा पहुंचने में लगभग दो घंटे का समय लगने वाला था। परिजनों से वाहन के आने तक प्रतीक्षा करने का अनुरोध किया गया था। सिविल सर्जन ने बताया कि बच्चे के पिता मानसिक रूप से बेहद व्याकुल थे और शाम होने से पहले गांव लौटना चाहते थे। इसी हड़बड़ी में उन्होंने बिना अस्पताल कर्मियों को सूचना दिए शव को थैले में रखकर अस्पताल से निकल गए जिससे प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करने का अवसर नहीं मिल सका। उन्होंने यह भी बताया कि पिता के पास मोबाइल फोन और पर्याप्त पैसे नहीं थे ऐसे में नर्स और अन्य मरीजों के परिजनों ने आपसी सहयोग से आर्थिक मदद भी की थी। उल्लेखनीय है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सदर अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई है। वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने भी पूरे प्रकरण की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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