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पुश्तैनी जमीन के हक के लिए वर्षों से भटक रहे झरी महतो, थाना-अंचल-जिला कार्यालयों की चौखट घिसने को मजबूर

रिपोर्ट: VBN News Desk3 घंटे पहलेझारखण्ड

गोविंदपुर अंचल में राजस्व व पुलिस की उदासीनता पर सवाल, जमीन विवाद और मारपीट मामले में नहीं मिला न्याय

पुश्तैनी जमीन के हक के लिए वर्षों से भटक रहे झरी महतो, थाना-अंचल-जिला कार्यालयों की चौखट घिसने को मजबूर

धनबाद : गोविंदपुर अंचल अंतर्गत बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के साधोबाद गांव निवासी झरी महतो पिता स्व. विनोद महतो अपने पुश्तैनी जमीन के बंटवारे और पारिवारिक विवाद में हुई मारपीट की घटना को लेकर बीते कई वर्षों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। पीड़ित का आरोप है कि उनके चाचा-जेठा के बेटों द्वारा बिना विधिवत बंटवारे के पुश्तैनी जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है जिसका उन्होंने लगातार विरोध किया लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। झरी महतो, उनके भाई सुबोध महतो और परिजनों का कहना है कि जमीन विवाद को लेकर जब उन्होंने विरोध किया तो उनकी बेटी के साथ मारपीट की गई। इस संबंध में बरवाअड्डा थाना, गोविंदपुर अंचल कार्यालय, धनबाद ग्रामीण एसपी कार्यालय, वरीय पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त कार्यालय तक लिखित आवेदन दिए गए लेकिन अब तक न तो जमीन बंटवारे की प्रक्रिया शुरू हुई और न ही मारपीट मामले में दोषियों पर कार्रवाई की गई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि राजस्व एवं पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण उन्हें लगातार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जबकि झारखंड भूमि सुधार अधिनियम, राजस्व संहिता, तथा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 107/144 के तहत भूमि विवाद में त्वरित कार्रवाई और शांति व्यवस्था बनाए जाने का स्पष्ट प्रावधान है। वहीं मारपीट की घटना भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 504 और 506 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। स्थानीय मुखिया और ग्रामीणों ने भी मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन से मांग की है कि पुश्तैनी जमीन का विधिवत बंटवारा कराया जाए और मारपीट के दोषियों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई हो ताकि उन्हें न्याय मिल सके। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन पीड़ित की फरियाद पर कब तक संज्ञान लेकर कार्रवाई करता

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