गुमला जिला के चैनपुर प्रखंड में छिपा है एक अद्भुत पर्यटन स्थल
प्राकृतिक खूबसूरती को समेटे हुए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किये जाने वाला स्थल है छेरिया टंगरा

हमारा झारखंड राज्य चारों ओर हरे भरे पेड़ – पौधे , जंगल,पहाड़ ,नदियों, झरना से भरा पड़ा है.इन्हीं में से एक हमारा गुमला जिला भी शामिल है. ऐसा लगता है मानो हमारा जिला प्रकृति की गोद में बसा है. इन्हीं प्रमुख स्थलों में से एक है गुमला – जिला के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत छेरिया टंगरा यह अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती है।
प्राकृतिक खूबसूरती को समेटे हुए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किये जाने वाला स्थल है छेरिया टंगरा
चैनपुर प्रखंड कार्यालय से 12 किलोमीटर दूर छेरिया टंगरा प्रकृति की बेपनाह खूबसूरती को समेटे हुए सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य एवं बारिश से फैली हरियाली इतना मनमोहक है कि पर्यटक खुद को यहाँ आने से रोक नहीं पाते।यदि इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए, तो इससे क्षेत्र के विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे, जिससे बेरोजगारी की समस्या में कमी आ सकती है।आस पास के गांव के लोग यहां परिवार के साथ पिकनिक मनाने भी पहुंचते हैं। लेकिन जिले के अन्य अंचलों के लोगों को इस खूबसूरत स्थल की जानकारी नहीं है।
ग्रामीणों को रोजगार और क्षेत्र के विकास में मिलेगी मदद
बताते चले की मकर संक्रांति के दिन आस पास के ग्रामीण के द्वारा यहां मेला लगाया जाता हैं जिसमे काफी संख्या में आस पास के ग्रामीण मेला घूमने आते है । छेरिया टंगरा के आसपास आदिम जनजाति (PVTG)के लोग काफी संख्या में निवास करते हैं अगर सरकार छेरिया टंगरा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करती है तो इस क्षेत्र में ग्रामीणों को रोजगार के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा।
पर्यटन स्थल बना तो विकसित होंगे रोजगार के अवसर- स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि पहाड़ी के मनोरम दृश्य को जो भी देखता है वह यही कहता है कि इसे पर्यटक स्थल बनाया जाना चाहिए। छेरिया टंगरा में जिस तरह प्रकृति का सुंदर नजारा है, उससे इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। पर्यटन स्थल बनाये जाने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
प्राकृतिक सौंदर्य की भरमार है, जरूरत इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने की। लेकिन स्थलों का प्रचार-प्रसार न हो पाने से इन प्राकृतिक नजारे का लुत्फ पर्यटक नहीं उठा पा रहे हैं। ( झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य):- सुशील दीपक मिंज
जिले में उद्योगों की कमी हैं, लेकिन प्राकृतिक सुंदरता की भरमार है। ऐसे स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। अशोक सिंह, स्थानीय निवासी