हाउस ड्रेस में न आने पर बच्चों को स्कूल में प्रवेश पर रोका गया
सुबह स्कूल के मुख्य द्वार पर कई बच्चे बिना हाउस ड्रेस के पहुंचे, जिन्हें स्कूल स्टाफ स्नेहपूर्वक समझाते हुए वापस लौटा दिया

पाकुड़। मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय में छात्रों पर आज अनुशासनात्मक कार्यवाही करते देखा गया। जब कई बच्चों को हाउस ड्रेस में न आने के कारण स्कूल में प्रवेश करने से रोक दिया गया। स्कूल प्रशासन ने सख्ती से हाउस ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय तब लिया गया जब राज्य/जिला शिक्षा प्रशासन की ओर से स्कूल पर ड्रेस कोड लागू करने का सख्त निर्देश दिया गया।
जिसके तहत निर्धारित ड्रेस न पहनने वाले छात्रों को कक्षा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। सुबह स्कूल के मुख्य द्वार पर कई बच्चे बिना हाउस ड्रेस के पहुंचे, जिन्हें स्कूल स्टाफ स्नेहपूर्वक समझाते हुए वापस लौटा दिया और ड्रेस में आने वाले बच्चों को विद्यालय में स्वागत करते हुए प्रवेश कराया गया। कुछ अभिभावकों ने इस निर्णय पर मिला जुला प्रतिक्रिया दिया है तथा भूनी-भूनी प्रशंशा इस बात पर की है कि बच्चों में शिक्षा के साथ साथ अनुशासन और ड्रेस कोड को निजी स्कूल जैसा करने के लिए पहल की है।
ज्ञातव्य हो कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को सरकार की ओर से आर्थिक सहयोग स्वरूप राशि भी प्राप्त होती है। पिछले 2 वर्ष से स्कूल को लचीलापन दिखाना व्यर्थ गया है इसलिए अव कठोर निर्णय विद्यालय प्रशासन की ओर से लिया गया है। वहीं, स्कूल प्रशासन का कहना है कि हाउस ड्रेस अनुशासन और एकरूपता का प्रतीक है, और इसे लागू करना स्कूल की नीतियों का हिस्सा है। प्रिंसिपल आशुतोष कुमार ने बताया, "हमने सभी अभिभावकों को पहले ही ड्रेस कोड के बारे में सूचित कर दिया था। यह नियम सभी के लिए समान है और अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी है।
"हालांकि, आज भी 2 घण्टे का अतिरिक्त समय दिया गया और 11 बजे तक आने वाले बच्चों को प्रवेश दी गई। विद्यालय के सभी शिक्षकों और विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों ने आज के अनुशासनात्मक कार्यवाही में भाग लिया। जिनमें उपाध्यक्ष सुधाकर दास, शिक्षक अरूप दास, हलधर शील, सुशील झा, बीना कुमारी, आलमगीर आलम, राजू नन्दन साहा, कौशल झा, सलीम अख्तर, अब्दुल रिज़वी, गार्ड राहुल कुमार आदि ने सभी बच्चों से वार्ता की और भविष्य में ड्रेस कोड प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।