डुमरी प्रखंड का मनरेगा कार्यालय बना शराबखाना, बीपीओ और बिचौलियों पर आरोप फर्जी जॉब कार्ड और मास्टर रोल से निकासी
बीपीओ का स्थानांतरण नहीं होने से भ्रष्टाचार जारी

गुमला-: गुमला जिले के आकांक्षी प्रखंड डुमरी में मनरेगा कार्यालय में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। मनरेगा बीपीओ संदीप उरांव पर आरोप है कि वह अपने कार्यालय में बिचौलियों के साथ शराब पीते हैं और मनरेगा योजना में व्यापक भ्रष्टाचार कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि मनरेगा योजना में फर्जी जॉब कार्ड और मास्टर रोल के माध्यम से लाखों रुपए की निकासी की जा रही है। पिछले दिनों 40 लाख रुपया से भी अधिक की राशि फर्जी तरीके से निकासी कर लेने की पुष्टि जिला झांसी कमेटी के द्वारा किया गया है, जिस मामले को लेकर डुमरी थाना में प्राथमिक की भी दर्ज की गई है।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि बीपीओ संदीप उरांव का पिछले 6 माह पूर्व स्थानांतरण बिशनपुर प्रखंड में हो गया है, लेकिन अभी तक उन्हें विमुक्त नहीं किया गया है। इसकी लिखित शिकायत ग्रामीण विकास विभाग को भी भेजी गई है, लेकिन धनबल और पैरवी के बदौलत संदीप उरांव अपना स्थानांतरण रोकने में लगे हुए हैं।कांग्रेस नेताओं ने उपायुक्त गुमला को एक लिखित ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने संदीप उरांव और बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो गरीबों का शोषण और भ्रष्टाचार जारी रहेगा। कांग्रेस नेताओं ने उपायुक्त गुमला को कई साक्ष्यों के साथ ज्ञापन सौंपा है, जिसमें भ्रष्टाचार के कई मामले शामिल हैं। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और डुमरी प्रखंड को भ्रष्टाचारियों से मुक्त किया जाए।