शिक्षा के नाम पर भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर: उत्तम
प्रखंड क्षेत्र कई निजी विद्यालय संचालित है जिसमें लगभग 95 फीसदी विद्यालयों के पास यूडाइस कोड नहीं है.

मनिका: एक ओर जहां सरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर निजी विद्यालयों ने शिक्षा को कमाई का अड्डा बनाया हुआ है। प्रखंड क्षेत्र कई निजी विद्यालय संचालित है जिसमें लगभग 95 फीसदी विद्यालयों के पास यूडाइस कोड नहीं है, बावजूद इसके सारे नियमों को ताक में रखकर शिक्षा विभाग इन सभी चीजों की अनदेखी कर रही है.
कई विद्यालय तो खुद को सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त बताते हैं और अपने पैंपलेट में यह तक छपवाते हैं कि उनके विद्यालय में सीबीएसई पैटर्न पर आधारित पढ़ाई होती है, सबकी सच्चाई तो यह है कि ये सारी बातें अभिभावकों को बरगलाने के लिए कही जाती है। इन सभी मामलों में जब छात्र नेता उत्तम कुमार से पत्रकारों ने बात किया तो उन्होंने निजी विद्यालयों के द्वारा हो रहे इस भ्रष्टाचार का कड़े शब्दों में नींदा किया, उन्होंने कहा कि प्रखंड क्षेत्र संचालित कई विद्यालयों के पास तो विद्यालय चलाने का मान्यता भी नहीं है, लगभग विद्यालयों में बिना किसी मेरिट वाले शिक्षक पढ़ाते हैं, कोई इंटर पास है तो कोई अभी स्नातक कर रहा है, कुछ विद्यालय के संचालक तो ऐसे हैं जो अपनी काली कमाई को छुपाने के लिए विद्यालय खोल कर बैठें हैं ताकि उनके काले धंधे समाज के सामने न आएं, आगे उन्होंने कहा कि सभी गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों पर प्रशासन तत्काल कार्रवाई करे और ऐसे विद्यालयों को बंद करे जो कि राज्य सरकार द्वारा जारी किसी भी मापदंड को पूरा नहीं करते हैं।
उन्होंने का कहा कि निजी विद्यालय बिना प्रबंधन समिति के संचालित हो रहे हैं,शिक्षा के व्यापारिकरण होने से अभिभावकों के जेब में असर पड़ रहा है,निजी स्कूलों की मनमानी बढ़ती जा रही है जिससे अभिभावक परेशान हैं, कई अभिभावकों ने इस संबंध में उतम कुमार से संपर्क किया उन्होंने कहा कि मनमानी रोकने के लिए जल्द ही प्रशासन व विभागीय मंत्री से वार्ता की जाएगी, स्कूलों के लिए नियम बनाए जाएंगे, लंबे समय से चली आ रही समस्या से लोगों को निजात दिलाई जाएगी, स्कूलों की मनमानी से हर अभिभावक त्रस्त है, साल में जितनी सैलरी नहीं बढ़ती उससे ज्यादा फीस व अन्य मदों में ली जाने वाली फीस बढ़ जाती है, उन्होंने प्रेस के माधयम से कहा कि प्रदेश सरकार से आग्रह करता हूं कि निजी स्कूलों पर नकेल कसा जाए।