जनजातीय विरासत, संगीत और उपचार पर केंद्रित रहा संवाद-2025 का दूसरा दिन
18 राज्यों की कला-संस्कृति और बहु-जनजातीय बैंड रिदम्स ऑफ द अर्थ की प्रस्तुति ने मोहा मन

जमशेदपुर में आयोजित संवाद 2025 का दूसरा दिन जनजातीय पहचान, पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक विरासत के उत्सव के रूप में मनाया गया। सुबह के सत्रों में कला-हस्तशिल्प, जनजातीय उपचार पद्धति, पर्यावरणीय बुद्धिमत्ता, पारंपरिक व्यंजन और समुदाय की कहानियों पर गहन चर्चा हुई। संवाद फ़ेलोशिप के अंतर्गत जनजातीय कथाओं और विरासत संरक्षण पर विचार प्रस्तुत किए गए। दिन का मुख्य आकर्षण रहा रिदम्स ऑफ द अर्थ (भारत का पहला बहु-जनजातीय संगीत बैंड) जिसने लद्दाख के कलाकार समूह (दा शग्स) के साथ अपना दूसरा एल्बम लॉन्च किया। इसके अलावा ओरांव, माविलन, मिज़ो और पवार जनजातियों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। गोपाल मैदान में 18 राज्यों और 30 जनजातियों की कला-हस्तशिल्प प्रदर्शनी और 12 राज्यों की पारंपरिक चिकित्सा प्रदर्शनी भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी। आतिथ्य जनजातीय फ़ूड पॉप-अप ने पारंपरिक व्यंजनों का अनूठा स्वाद पेश किया। संवाद 2025 आगामी दिनों में भी इसी ऊर्जा के साथ जारी रहेगा।