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विस्थापितों ने SMP कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार और धांधली पर उठाए गंभीर सवाल

रिपोर्ट: मनीष 5 घंटे पहलेझारखण्ड

विस्थापितों ने कहा फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे अवैध रूप से विकास पुस्तिकाएं की जा रही तैयार

विस्थापितों ने SMP कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार और धांधली पर उठाए गंभीर सवाल

चांडिल : विस्थापितों ने सिंहभूम मिनरल्स प्रोजेक्ट (SMP) के पुनर्वास और भू-अर्जन कार्यालयों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और धांधली का आरोप लगाते हुए, विभागीय सचिव और SMP प्रशासक से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। विस्थापितों का कहना है कि सरकारी नियमों की अनदेखी करते हुए प्रशासन, दलालों और ठेकेदारों की मिलीभगत से लूटपाट का सिलसिला जारी है। विस्थापितों ने आरोप लगाया कि फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे अवैध रूप से विकास पुस्तिकाएं तैयार की जा रही हैं। विस्थापितों का दावा है कि उनके हक की नौकरियों को दलालों के माध्यम से बेचा जा रहा है। विस्थापितों का कहना है कि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी को जानबूझकर सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है, ताकि भ्रष्टाचार और हेराफेरी को छुपाया जा सके। पुनर्वास कार्यालय संख्या-2, चांडिल, पूरी तरह से दलालों के नियंत्रण में बताया जा रहा है, जहां हेराफेरी कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की जा रही है। विस्थापितों ने मांग की है कि विभागीय सचिव और SMP प्रशासक के समक्ष, जनता और हाई कोर्ट के वकील की उपस्थिति में सभी दस्तावेज और प्रमाण प्रस्तुत किए जाएं और दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों और दलालों पर 24 घंटे के भीतर कानूनी कार्रवाई की जाए। विस्थापितों द्वारा एक सप्ताह के भीतर विभागीय मध्यस्थता बैठक बुलाने की मांग की गई है। विस्थापितों ने कहा है कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे हाई कोर्ट में पुनः याचिका दायर करेंगे। इस बार उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने की चेतावनी दी है। विस्थापितों का कहना है कि अब वे लूट और भ्रष्टाचार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। उनका दावा है कि इस बार दोषियों को सजा दिलाकर ही दम लेंगे।

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