जिला परिषद उपाध्यक्ष मधु श्री महतो का पुतला दहन, ग्रामीणों ने लगाया सत्ता के दुरुपयोग का आरोप
ट्रक मालिकों का कहना है कि वैध चालान के बावजूद बालू लदे वाहनों को जब्त किया जाना पद का दुरुपयोग है।

नीमडीह : सरायकेला-खरसावां जिले के कुकड़ू क्षेत्र में शुक्रवार को जिला परिषद उपाध्यक्ष मधु श्री महतो के खिलाफ सैकड़ों ग्रामीणों ने तीखा विरोध दर्ज कराया। कुकड़ू साप्ताहिक बाजार में मधु श्री महतो का पुतला दहन कर लोगों ने अपने गुस्से का इजहार किया। इससे पहले ग्रामीणों ने हस्ताक्षरयुक्त आवेदन चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी को सौंपते हुए 18 जुलाई को शाम 4 बजे विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी। अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा अंचल अधिकारी कुकड़ू और थाना प्रभारी तिरुलडीह को सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु पत्रांक 1117/सा० दिनांक 17 जुलाई 2025 को निर्देश जारी किए गए थे। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला परिषद उपाध्यक्ष मधु श्री महतो अपने पद का दुरुपयोग करते हुए विधि सम्मत रूप से बालू ढो रहे ट्रकों को रोककर जब्त कर लेती हैं और उस बालू को अपने अवैध डंप पर खाली कर दूसरे ट्रैक्टरों से पश्चिम बंगाल में ऊंचे दामों पर बेचती हैं। उधर मधु श्री महतो ने 16 जुलाई 2025 को जिला खनन पदाधिकारी को पत्र लिखकर यह जानकारी दी थी कि उन्होंने 12 जुलाई को देर रात 2:55 बजे (या फिर रात्रि एक बजे जैसा कि पत्र में अलग-अलग समय अंकित है) दो हाईवा ट्रकों जेएच01सीई-4317 एवं जेएच01सीडब्ल्यू-4330 को ग्रामीणों की मदद से जब्त किया है। वहीं ट्रक मालिकों ने अपने पक्ष में दिनांक 12 जुलाई के विधिवत चालान संख्या F32502003/27 और F32502003/28 प्रस्तुत किए हैं जिससे यह स्पष्ट होता है कि बालू का परिवहन वैध रूप से किया जा रहा था। ट्रक के सहचालक सन्नी टुरी ने 13 जुलाई को सरायकेला आदिवासी/हरिजन थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है जिसमें मधु श्री महतो के पति और जनसेवक दीपक महतो पर मारपीट, जातिसूचक गालियां देने और रंगदारी मांगने का गंभीर आरोप लगाया गया है। स्थानीय लोगों और ट्रक मालिकों का कहना है कि वैध चालान के बावजूद बालू लदे वाहनों को जब्त किया जाना पद का दुरुपयोग है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जब ट्रक वैध चालान के साथ चलते हैं तब उनसे कोई नजराना नहीं मांगा जा सकता जिससे कुछ लोग असहज हो जाते हैं। लेकिन यदि बालू अवैध रूप से चलता है तो उसमें थाना, नेता और प्रशासन सभी की हिस्सेदारी सुनिश्चित रहती है। ट्रकों में अक्सर 450 सीएफटी के चालान पर 500 सीएफटी बालू लदा रहता है जिससे 50 सीएफटी अतिरिक्त माल को लेकर ही उत्पीड़न शुरू हो जाता है।