अररिया में दो साल से दरोगा बनकर वसूली करने वाला फर्जी पुलिस अधिकारी गिरफ्तार, नकली पिस्तौल के साथ पकड़ा गया
एसपी कार्यालय में पैरवी करने पहुँचा था फर्जी दरोगा, अररिया पुलिस ने जाल बिछाकर रंगे हाथों दबोचा

अररिया जिले में पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नगर थाना पुलिस ने सोमवार शाम एक फर्जी दरोगा को गिरफ्तार किया जो पिछले दो वर्षों से वर्दी पहनकर थानों से लेकर एसपी कार्यालय तक पैरवी और वसूली का धंधा चला रहा था। पकड़ा गया आरोपी रणवीर कुमार, मूल रूप से मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाना क्षेत्र के दुधैला बराही, वार्ड संख्या 9 का निवासी बताया जा रहा है जो वर्तमान में अपनी पत्नी के साथ फारबिसगंज के गोड़ियारे में किराए के मकान में रहता था। सोमवार को रणवीर कुमार एसपी के गोपनीय कार्यालय में एक केस मैनेज करने पहुँचा था। उसके हावभाव पर संदिग्धता जताते हुए कार्यालय के कर्मियों ने नगर थाना को सूचना दी। मौके पर पहुँची पुलिस ने जैसे ही उससे पूछताछ शुरू की उसकी पूरी पोल खुल गई। आरोपी के पास से पुलिस ने दिखने में असली जैसे लगने वाले लाइटर-पिस्तौल को भी जब्त किया है। सूत्रों के अनुसार 15 दिन पहले भी वह एसपी कार्यालय पहुंचा था लेकिन तब उसके व्यवहार पर शक होने के चलते उसे दोबारा आने को कहा गया था। इसी आधार पर सोमवार को एसपी कार्यालय में पहले से जाल बिछाया गया था। जैसे ही रणवीर पैरवी के लिए कक्ष में प्रवेश किया टीम ने उसे धर दबोचा। नगर थानाध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने बताया कि आरोपी पिछले दो वर्षों से पलासी थाना में पदस्थापित दरोगा बताकर लोगों से पैसे वसूल रहा था और विभिन्न मामलों में पैरवी के नाम पर ठगी कर रहा था। उसके खिलाफ कांड संख्या 473/25, दिनांक 24.11.25 के तहत बीएनएस की धारा 319(2), 318(2), 308(2), 204 में मामला दर्ज किया गया है। टीम में एसआई अमरेंद्र कुमार, ललित कुमार सिंह, पुष्कर सिंह सहित सशस्त्र बल के जवान शामिल थे। इस घटना ने पुलिस प्रशासन की सतर्कता पर भी प्रश्न उठा दिए हैं कि आखिर कैसे एक व्यक्ति दो वर्षों तक बिना किसी पहचान सत्यापन के एसपी कार्यालय से लेकर कई थानों तक बेखौफ घूमता रहा? मामले ने विभागीय निगरानी की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।