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चैनपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, बिना लाइसेंस कारोबारियों पर जुर्माना, एक्सपायरी सामान मौके पर नष्ट

रिपोर्ट: शनिरंजन 2 दिन पहलेझारखण्ड

नकली और अवैध खाद्य उत्पादों पर सख्त कार्रवाई, स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को चेतावनी, चैनपुर में कई प्रतिष्ठान जांच के दायरे में

चैनपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, बिना लाइसेंस कारोबारियों पर जुर्माना, एक्सपायरी सामान मौके पर नष्ट

चैनपुर, गुमला : झारखंड के चैनपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने शुक्रवार को एक व्यापक औचक अभियान चलाते हुए अवैध खाद्य कारोबारियों और नियमों को ताक पर रखकर व्यापार करने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है। खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी प्रकाश चंद्र गुग्गी के नेतृत्व में की गई इस छापेमारी ने नगर में मिलावटखोरों और मानकहीन खाद्य सामग्री बेचने वालों की पोल खोल दी। अल्बर्ट एक्का चौक के आसपास कई होटल, रेस्टोरेंट और किराना दुकानों पर जांच की गई जहां एक्सपायरी खाद्य सामग्री, सड़ी-गली वस्तुएं और मानक के विपरीत पैकिंग पाई गई। टीम ने मौके पर ही ऐसे सामान को नष्ट कराया। विभाग ने स्पष्ट किया कि एक्सपायरी खाद्य पदार्थ बेचने वाले न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को खतरे में डालते हैं बल्कि यह Food Safety and Standards Act, 2006 का सीधा उल्लंघन है जिसके लिए कड़ी सजा और भारी आर्थिक दंड का प्रावधान है। सबसे गंभीर बात यह रही कि कई प्रतिष्ठान बिना किसी वैध लाइसेंस के खाद्य सामग्री का व्यापार कर रहे थे। ऐसे दुकानदारों पर विभाग ने जुर्माना लगाया और अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में बिना लाइसेंस व्यवसाय करने पर लाइसेंस निरस्तीकरण, दुकान सीलिंग और कानूनी कार्यवाही की जाएगी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी गुग्गी ने कहा कि विभाग का मुख्य उद्देश्य लोगों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना है। विभाग ने दुकानदारों को निर्देश दिया कि केवल वही खाद्य उत्पाद बेचें जो स्वीकृत और मानक के अनुरूप हों। नकली, एक्सपायरी या संदिग्ध उत्पादों की बिक्री किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान का मकसद बाजार में नकली व अवैध खाद्य उत्पादों की बिक्री पर रोक, उपभोक्ताओं की सुरक्षा और खाद्य व्यवसाय संचालित करने वालों को स्वच्छता व गुणवत्ता के प्रति जागरूक करना है। चैनपुर में इस कड़ी कार्रवाई के बाद आम जनता ने राहत की सांस ली है और स्थानीय लोग प्रशासन से ऐसे अभियानों को नियमित करने की मांग कर रहे हैं ताकि मिलावटखोरी के खिलाफ कड़ा संदेश जाए।

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