ईचागढ़ पुलिस पर अवैध बालू कारोबार से मिलीभगत का आरोप, हाइवा ट्रक मालिकों से 8000 रुपये वसूली की बात आई सामने
सरकार को रोजाना लाखों का नुकसान, पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग तेज

इंचागढ़ : सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ थाना क्षेत्र में पुलिस पर अवैध बालू कारोबार से मिलीभगत के गंभीर आरोप लगे हैं। जानकारी के अनुसार अवैध बालू लदे हाइवा ट्रकों को पास कराने के लिए ईचागढ़ पुलिस द्वारा प्रति ट्रक 8000 रुपये वसूले जाते हैं। वाहन मालिकों का कहना है कि ट्रक तभी बालू से लोड किए जाते हैं जब ईचागढ़ थाना के मुंशी नरेश यादव को मैसेज किया जाता है। आरोप है कि मेसेज मिलते ही थाना प्रभारी सरकारी बोलेरो गाड़ी से मौके पर पहुंचकर जांच की औपचारिकता निभाते हैं और इसके बाद ट्रकों को छोड़ दिया जाता है। गुरुवार सुबह करीब 5:37 बजे ईचागढ़ थाना क्षेत्र के बासाहातु गांव में 5 से 7 अवैध बालू लदे हाइवा ट्रकों को रोककर मेसेज के आधार पर छोड़े जाने का मामला सामने आया। वाहन मालिकों का यह भी कहना है कि वसूली गई रकम में से हिस्सा डीआईजी, एसपी, डीएसपी और थाना स्तर तक बंटता है। इस पूरे खेल से पुलिस मालामाल हो रही है जबकि सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस मामले में जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपथि ने कहा कि विभाग प्रतिदिन छापामारी कर अवैध बालू लदे वाहनों को जप्त करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में वैध बालू भंडार पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं ऐसे में चालान से ही बालू लोड किया जाए अन्यथा प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस पूरे प्रकरण में जब ईचागढ़ थाना प्रभारी और चांडिल अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो दोनों पदाधिकारियों ने फोन रिसीव नहीं किया। बताया जाता है कि चांडिल अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सरकारी मोबाइल तो कभी भी नहीं उठाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ईचागढ़ पुलिस अपने पद का दुरुपयोग कर रही है और अवैध वसूली कर रही है। अब सवाल उठ रहा है कि जिला प्रशासन कब इस गोरखधंधे पर सख्ती से नकेल कसेगा।