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मोंगिया का प्लांट नहीं लगने देंगे तो नहीं लगने देंगे : स्थानीय ग्रामीण

रिपोर्ट: VBN News Desk3 घंटे पहलेझारखण्ड

पर्यावरणीय लोक सुनवाई में मोंगिया प्लांट के विस्तारीकरण का हुआ भारी विरोध

मोंगिया का प्लांट नहीं लगने देंगे तो नहीं लगने देंगे : स्थानीय ग्रामीण

Amit Sahay

तख्तियों में लिखा: स्पंज फैक्ट्री नहीं लगेगा, नहीं लगेगा, गिरिडीह पूर्वी क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त करना होगा, करना होगा

प्रदूषण की वजह से हमलोग बीमार, बच्चे अपंग पैदा हो रहे हैं, फसलें बर्बाद हो रही हैं, पानी के लिए लोग त्राहिमाम हैं, नदियों का पानी प्रदूषित, मवेशियों को प्रदूषित पानी पीने को मजबूर

गिरिडीह: गिरिडीह सदर प्रखंड के चतरो गांव में मेसर्स मोंगिया पावर प्राइवेट लिमिटेड की प्रस्तावित विस्तारीकरण परियोजना के लिए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से शनिवार को उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय मंझलाडीह के प्रांगण में पर्यावरणीय लोक सुनवाई की गयी। इस सुनवाई की अध्यक्षता सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रीकांत यशवंत विस्पुते ने की। सुनवाई में झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद रांची के सहायक वैज्ञानिक पदाधिकारी रामरतन काशी, क्षेत्रीय पदाधिकारी धनबाद के विवेक कुजूर, गादी श्रीरामपुर पंचायत की मुखिया कंचन देवी, मोंगिया पावर प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन गुणवंत सिंह मोंगिया सहित अन्य कई पदाधिकारी मौजूद थे। लोक सुनवाई की अध्यक्षता कर रहे एसडीओ ने जैसे ही सुनवाई शुरू की, सभी ने एक स्वर में विरोध करना शुरू कर दिया। सभी के हाथों में विरोध की तख्तियां था। तख्तियों में लिखा था, स्पंज फैक्ट्री नहीं लगेगा, नहीं लगेगा। गिरिडीह पूर्वी क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त करना होगा, करना होगा। 27.jpg ग्रामीणों की यही पुकार, बंद करो यह अत्याचार

प्रदूषण विभाग के अधिकारी वापस जाओ, वापस जाओ। जिला प्रशासन होश में आओ, होश में आओ। पर्यावरण के दुश्मनों होश में आओ। ग्रामीण तख्तियों में लिखी बातों का नारा भी लगा रहे थे। एसडीओ के बहुत समझने के बाद भी ग्रामीण चुप हुए और फिर बारी-बारी से अपना विरोध दर्ज कराया। इसके पहले झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के एक अधिकारी ने लोक सुनवाई शुरू करते हुए जानकारी दी कि चतरो मौजा के प्लॉट नंबर 45, 47 व 56 में मोंगिया के स्पंज आयरन की उत्पादन क्षमता प्रतिवर्ष 33 हज़ार टन से 2 लाख 64 हजार प्रति वर्ष करना प्रस्तावित है। 1 लाख 98 हज़ार टन प्रतिवर्ष बिलेट उत्पादन के लिए इंडक्शन फर्नेश, री-हीटिंग फर्नेश, रोलिंग मिल और 25 मेगावाट का कैप्टिव पावर प्लांट लगाना प्रस्तावित है। इसके बाद चतरो गांव के विकास राय, विजय राय, श्रीकांत राय, पांडव राय, शत्रुघ्न राय, सोनू राय, सावित्री देवी, धनेश्वर सिंह, प्रदीप राय, गादी श्रीरामपुर के शुभंकर गुप्ता, गंगापुर के शीनू मरांडी, प्रकाश टुडू, अजय तूरी, मोहनपुर के रामेश्वर शर्मा, मंतोष राणा, टिंकू साव, हसनैन अली, पूर्णानगर के अरुण साव ने प्रस्तावित परियोजना का विरोध करते हुए कहा कि प्रदूषण की वजह से हमलोग बीमार हो रहे हैं। बच्चे अपंग पैदा हो रहे हैं। फसलें बर्बाद हो रही हैं। डीप बोरिंग कर पानी का दोहन किया जा रहा है, इसलिए पानी का लेयर बहुत नीचे चला गया है, हमलोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं। नदियों का पानी प्रदूषित हो गया है। मवेशियों को पीने के लिए प्रदूषित पानी मिलता है, इससे मवेशी भी बीमार हो रहे हैं। ग्रामीणों के बाद जब मोंगिया पावर लिमिटेड के चेयरमैन गुणवंत सिंह मोंगिया ने प्रस्तावित परियोजना के बारे में जानकारी देनी शुरू की, ग्रामीण फिर उग्र हो गए और साफ शब्दों में कह दिया, कुछ नहीं सुनेंगे, प्लांट नहीं लगने देंगे तो नहीं लगने देंगे। इसके बाद सुनवाई समाप्त कर दी गई। लोक सुनवाई में गादी श्रीरामपुर, मोहनपुर, मंझलाडीह, चतरो, गंगापुर, अंबाडीह, भोरंडीहा, झलकडीहा सहित अन्य आसपास गांव के लगभग 500 से अधिक महिलाएं और पुरुष जुटे थे।

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