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झारखंड की कृषि मंत्री ने डाली पंचायत की मूखिया पूनम जायसवाल को किया सम्मानित

रिपोर्ट: Shailendra Tiwary9 घंटे पहलेझारखण्ड

जिंदा रहना है तो सभी को पौधा लगाना होगा।

झारखंड की कृषि मंत्री ने डाली पंचायत की मूखिया पूनम जायसवाल को किया सम्मानित

सेवा कभी बेकार नहीं होती, मेहनत करने वाले की कभी हार नहीं होती : मुखिया पूनम

पर्यावरण धर्म के तहत मुखिया पूनम ने कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की व राज्यसभा सांसद को दिया आम का पौधा

रांची : शहर के लालपुर चौक स्थित होटल रॉयलिसयन में आयोजित महिला सम्मान समारोह का उद्घाटन सूबे की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की व राज्यसभा सांसद महुआ मांझी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। समारोह में शिक्षा, चिकित्सा व पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय व उत्कृष्ट कार्य करने वाली राज्य भर से आयीं प्रतिभाशाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। समारोह में पलामू के विश्व व्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान की राष्ट्रीय प्रधान सचिव सह डाली बाजार पंचायत की मुखिया पूनम जायसवाल को समाजसेवा व पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सूबे की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की व राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने शॉल ओढ़ाकर, प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इसके पहले मुखिया पूनम जायसवाल ने पर्यावरण धर्म के तहत मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की व राज्यसभा सांसद महुआ मांजी को थाईलैंड प्रजाति के बारहमासी आम का पौधा समर्पित कर उन्हें सम्मान दिया। सम्मानित होने के बाद मूखिया पूनम जायसवाल ने कहा कि सेवा कभी बेकार नहीं होती व मेहनत करने वालों को कभी हार नहीं होती। मुखिया पूनम ने कहा है कि पर्यावरण धर्म व वनराखी मूवमेंट अभियान को वे अपने पति ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद डॉ कौशल किशोर के साथ नेपाल, भूटान, वर्मा सिगापुर, मलेशिया व अज़रबैजान जैसे कई देश व राज्यों में जाकर लोगों को पर्यावरण सुरक्षा के लिए जागरूक कर उनके बीच निशुल्क पौधा वितरित किया है। पिछले सप्ताह उन्होंने गुजरात में एक सप्ताह से संचालित कार्यक्रम के दौरान द्वारकाधीश, जूनागढ़, भेट द्वारका, नागेश्वर व सोमनाथ समेत अहमदाबाद स्थित गांधी आश्रम में पर्यावरण धर्म पर आयोजित कार्यक्रम में कई राज्यों के लोगों को पर्यावरण धर्म की शपथ दिलाई। इस दौरान उन्होंने वहां के लोगों को चंदन, कपूर, रुद्राक्ष व आम के पौधे निशुल्क वितरण व रोपण कर बताया कि बेतहाशा बढ़ते प्रदूषण, भीषण गर्मी, जल संकट व जलवायु परिवर्तन को रोकना है तो लोगों को अपना धर्म के साथ -साथ पर्यावरण धर्म को अपनाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिंदा रहना है तो सभी को पौधा लगाना होगा। क्योंकि उक्त विभीषिकाओं से बचने का दूसरा कोई भी विकल्प नहीं है। उक्त कार्यक्रम में उनकी पुत्री सह शिक्षिका ज्योति जायसवाल भी मौजूद थीं।

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