बरवाडीह में अवैध रूप से चल रहा बीड़ी पत्ता का खेल, वन विभाग के प्रयास नाकाम
अवैध तुड़ाई से हो रहा राजस्व का नुकसान

बरवाडीह, लातेहार : पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) क्षेत्र में वन विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद अवैध रूप से बीड़ी पत्ता की तुड़ाई और संग्रहण बेरोकटोक जारी है। बरवाडीह प्रखंड के मोरवाई कलां, सैदुप, छेचा, बढनिया, ततहा, झरना, मंडल, छिपादोहर जैसे क्षेत्रों में माफिया सक्रिय हैं जो सुरक्षित वन क्षेत्र से भी धड़ल्ले से बीड़ी पत्ता तोड़ रहे हैं। वन विभाग हर वर्ष सरकार द्वारा चिन्हित सामान्य वन क्षेत्रों में बीड़ी पत्ता तुड़ाई के लिए टेंडर कर नीलामी प्रक्रिया पूरी करता है जिससे उसे राजस्व की प्राप्ति होती है। लेकिन सुरक्षित जंगलों में बीड़ी पत्ता तुड़ाई पूरी तरह प्रतिबंधित होती है। इसके बावजूद सीजन शुरू होते ही इन इलाकों में अवैध तस्करी चरम पर पहुंच जाती है।
अवैध तुड़ाई से हो रहा राजस्व का नुकसान
प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध कारोबारियों को सरकार को कोई राजस्व नहीं देना होता इसलिए वे मजदूरों को सरकार द्वारा तय मजदूरी दर से ज्यादा भुगतान कर बीड़ी पत्ता तुड़वाते हैं। जबकि वैध संवेदकों को सरकारी शुल्क देना होता है जिससे वे मजदूरी बढ़ाने की स्थिति में नहीं होते। इसका लाभ माफिया उठाते हैं और वैध संवेदकों को आर्थिक नुकसान होता है। इन माफियाओं द्वारा सामान्य वन क्षेत्र से भी पत्ते खरीदकर टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बनाए गए खलिहानों में जमा कर दिया जाता है जिससे पूरे बीड़ी पत्ता व्यापार की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
कड़े नियमों के बावजूद वन विभाग बेबस
सरकार ने बीड़ी पत्ता तुड़ाई और खरीदी-बिक्री के लिए स्पष्ट नियम बनाए हैं। सामान्य जंगलों की नीलामी कर अधिकतम बोली लगाने वाले संवेदक को तुड़ाई की अनुमति दी जाती है। लेकिन केड, चुंगरू, अमवाटिकर, ओपाग, होशिर, लात मुंडू और हरातू जैसे सुरक्षित जंगलों में अवैध तुड़ाई जोरों पर है।
जरूरत सख्त कार्रवाई की
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग को केवल टेंडर प्रक्रिया कराने तक ही सीमित न रहकर अवैध गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो न केवल सरकार को भारी राजस्व हानि होगी बल्कि वन संपदा का भी ह्रास होता रहेगा।