ताज़ा-ख़बर

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गड़बड़ी जारी, निर्माण कार्य तय समय पर नहीं हुआ पूरा, ग्रामीणों में आक्रोश

रिपोर्ट: MANISH 5 घंटे पहलेझारखण्ड

निर्माण कार्य में देरी, निर्धारित समयसीमा समाप्त, सड़क निर्माण में अनियमितता और घटिया सामग्री का इस्तेमाल, वन विभाग की जमीन से अवैध खुदाई

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गड़बड़ी जारी, निर्माण कार्य तय समय पर नहीं हुआ पूरा, ग्रामीणों में आक्रोश

ईचागढ़ : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत छोटा चूंनचूरिया से आतारग्राम, चिमटिया होते हुए ईचागढ़ तक 6.2 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण कार्य में भारी देरी और अनियमितताएं सामने आ रही हैं। 505.02 लाख रुपये की लागत से बन रही इस सड़क का निर्माण कार्य मेसर्स मंगोटिया कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है जिसकी देखरेख ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, सरायकेला-खरसावां कर रहा है। यह सड़क ग्रामीणों के लिए विकास और राहत की उम्मीद थी लेकिन निर्माण की धीमी गति और घटिया सामग्री के इस्तेमाल से यह गंभीर सवालों के घेरे में आ गई है। ग्रामीणों ने शिकायत पोर्टल पर विरोध दर्ज कराया जिसके बाद आयुक्त स्तर पर निरीक्षण भी हुआ लेकिन किसी ठोस कार्रवाई की जानकारी नहीं मिली। इस परियोजना की प्रारंभिक तिथि 23 अगस्त 2023 और निर्धारित पूर्णता तिथि 22 फरवरी 2025 थी लेकिन मार्च 2025 तक भी कार्य अधूरा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य जानबूझकर धीमा किया जा रहा है ताकि संवेदक मेंटेनेंस का खर्च बचा सके। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में तकनीकी मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। मुरुम, मिट्टी, बालू और स्टोन क्रशर डस्ट की जगह टाटा कंपनी से निकली एलडी स्लैग में फ्लाई ऐश और मिट्टी मिलाकर सड़क बनाई जा रही है। सीमेंट और बालू के अनुपात में गड़बड़ी की जा रही है जिससे पुल, पुलिया और कलवर्ट की गुणवत्ता खराब हो रही है। निर्माण के दौरान बने कलवर्ट में पहले ही दरारें आनी शुरू हो गई हैं। इसके अलावा वन विभाग की जमीन से अवैध रूप से मिट्टी का उत्खनन किया जा रहा है जो कानूनन अपराध है। ग्रामीणों ने इस संबंध में वन विभाग को भी सूचना दी थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी से कम भुगतान किया जा रहा है। अकुशल मजदूरों को 250 रुपये प्रतिदिन तथा कुशल मजदूरों (मिस्त्री) को 450 रुपये प्रतिदिन दिया जा रहा है, जबकि श्रमायुक्त की अधिसूचना के अनुसार अकुशल मजदूरों को 422 रुपये अर्धकुशल मजदूरों को 443 रुपये तथा कुशल मजदूरों को 583 रुपये प्रतिदिन भुगतान किया जाना चाहिए। ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के टोल-फ्री नंबर और ईमेल के माध्यम से भी शिकायतें दर्ज कराईं लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की जांच या संज्ञान नहीं लिया गया। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। मजदूरों को उचित मजदूरी दी जाए। वन विभाग की जमीन से हो रहे अवैध उत्खनन पर रोक लगाई जाए। सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग बंद हो और तकनीकी मानकों का पालन किया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। सरकार और प्रशासन को इस परियोजना की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए जल्द हस्तक्षेप करना चाहिए।

इन्हें भी पढ़ें.