गम्हरिया में जेएलकेएम का तीन घंटे का धरना, कंपनी गेट जाम कर कर्मचारियों और पत्रकारों की आवाजाही रोकी
धरना स्थल पर नेताओं की खुली पोल, प्रदर्शनकारियों में कोई कंपनी कर्मचारी नहीं, नाम पूछते ही महिलाओं को कराया गया चुप

गम्हरिया : आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के फेज-6 स्थित क्राफ्ट्समैन ऑटोमेशन लिमिटेड कंपनी गेट पर बुधवार को झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन हुआ। इंचागढ़ विधानसभा प्रत्याशी सह केंद्रीय उपाध्यक्ष तरुण महतो, बेबी महतो और जिलाध्यक्ष दीपक महतो के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने लगभग तीन घंटे तक कंपनी गेट पूरी तरह जाम कर दिया। इस दौरान किसी को भी कंपनी से अंदर-बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई यहाँ तक कि पत्रकारों को भी रोक दिया गया। पत्रकारों ने जब प्रदर्शनकारियों से पूछा कि उनमें से कौन कंपनी में कार्यरत था तो कोई भी सामने नहीं आया। कुछ महिलाओं ने सिर्फ इतना कहा कि उनके रिश्तेदार यहां काम करते थे। वहीं निष्कासित मजदूरों के नाम पूछने पर बेबी महतो ने महिलाओं को चुप करा दिया जिससे मौके पर हल्का विवाद भी हुआ। मामला सुलझाने पहुंचे गम्हरिया ब्लॉक के बीसीओ सुनील कुमार चौधरी से प्रदर्शनकारी नेताओं ने कथित रूप से जबरन समझौता पर हस्ताक्षर करा लिए जबकि उसमें मजदूरों की वास्तविक मांगें लिखित रूप से दर्ज नहीं की गईं।
कंपनी प्रबंधन ने प्रदर्शन को बताया असंवैधानिक, कहा - मामला न्यायालय में लंबित, 2019 में ही निपटा दिया गया था विवाद
कंपनी प्रबंधन ने इसे पूरी तरह असंवैधानिक और अनुचित करार दिया। कंपनी ने कहा कि मजदूरों का मामला न्यायालय में लंबित है और इस तरह सड़क पर धरना-प्रदर्शन करना गैरकानूनी है। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि 2019 में भी विवाद हुआ था उस समय सभी मजदूरों को वापस काम पर आने का अवसर दिया गया था लेकिन उन्होंने स्वेच्छा से फाइनल सेटलमेंट लेकर नौकरी छोड़ दी थी। छह साल बाद उसी मुद्दे को दोबारा उठाना समझ से परे है।
पार्टी सुप्रीमो ने भी नहीं दी थी मंजूरी, बिना अनुमति के हुआ धरना, सवाल उठा मजदूरों के मुद्दे या राजनीतिक फायदे का खेल?
इस बीच जेएलकेएम पार्टी के ही सूत्रों ने खुलासा किया कि पार्टी सुप्रीमो व डुमरी विधायक जयराम महतो ने भी इस धरना को अनुमति नहीं दी थी क्योंकि अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय से इसकी औपचारिक अनुमति ली ही नहीं गई थी। धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में जेएलकेएम कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें केंद्रीय उपाध्यक्ष बेबी महतो, तरुण महतो, संगठन मंत्री संजय गोराई, जिलाध्यक्ष दीपक महतो, कोषाध्यक्ष राज महतो समेत कई नेता शामिल थे। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से सवाल खड़ा कर दिया है कि मजदूरों के नाम पर राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह का असंवैधानिक प्रदर्शन किया जा रहा है या वास्तव में मजदूरों के मुद्दों को हल करने का प्रयास है।