संयुक्त ग्राम सभा मंच ने नगर परिषद के खिलाफ खोला मोर्चा, 6 जून को डीसी कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन का ऐलान
ग्राम प्रधान और निगरानी समिति अध्यक्ष ने दी जनांदोलन की चेतावनी

चांडिल : रविवार को डोबो स्कूल प्रांगण में संयुक्त ग्राम सभा मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता डोबो गांव के पारंपरिक ग्राम प्रधान शंकर सिंह ने की जिसमें डोबो, रूगड़ी और पुड़िसिली ग्रामों के ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य नगर परिषद के प्रस्तावित विस्तार का विरोध करना था। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि आगामी 6 जून को सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा साथ ही डीसी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। डोबो के पारंपरिक ग्राम प्रधान शंकर सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका गांव नगर परिषद के प्रस्ताव का कट्टर विरोधी है और वे अपने पड़ोसी गांवों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से संघर्ष करेंगे। वहीं ग्राम सभा निगरानी समिति के अध्यक्ष एवं इंचागढ़ विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अनूप महतो ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि डोबो, रूगड़ी, पुड़िसिली और तमोलिया गांवों को नगर परिषद में शामिल करने की जो योजना बन रही है वह पूर्ण रूप से असंवैधानिक और आदिवासी विरोधी है। अनूप महतो ने कहा कि ये सभी गांव पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में आते हैं जहां रूढ़ी, परंपरा और ग्राम सभा की स्वायत्तता को संविधानिक मान्यता प्राप्त है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 244(1) एवं 244(2) के तहत पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों में ग्राम सभा को सर्वोपरि अधिकार प्राप्त है और नगर परिषद का थोपना सीधा आदिवासी अधिकारों पर हमला है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद लागू कर सरकार पूंजीपतियों, बिल्डरों और कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है जिससे आदिवासी समाज की परंपराएं, संस्कृति और अधिकार खत्म हो जाएंगे। संयुक्त ग्राम सभा मंच ने स्पष्ट किया है कि अगर सरकार और प्रशासन ने नगर परिषद की योजना को नहीं रोका तो क्षेत्र में जोरदार जन आंदोलन किया जाएगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार और संबंधित विभागों की होगी। बैठक में डोबो, रूगड़ी और पुड़िसिली गांवों से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। सभी ने मिलकर नगर परिषद के विरोध में एकजुट संघर्ष का संकल्प लिया और आने वाले आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान किया।