झारखंड के मेडिकल कॉलेज में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर, एसटी कोटे में MBBS दाखिले के लिए फर्जी प्रमाणपत्र का इस्तेमाल, नामांकन रद्द
दर्जनों छात्रों के कागजात संदिग्ध, राज्य सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रमाणपत्र सत्यापन का आदेश दिया

धनबाद : झारखंड में मेडिकल शिक्षा प्रणाली को लेकर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। धनबाद स्थित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एमबीबीएस में नामांकन लेने पहुंची छात्रा सुचारिता दत्ता का दाखिला फर्जी अनुसूचित जनजाति (एसटी) प्रमाणपत्र के आधार पर रद्द कर दिया गया है। कॉलेज प्रशासन की जांच में पता चला कि छात्रा ने चार दिन पहले जारी एक जाली प्रमाणपत्र जमा कर आरक्षण का लाभ लेने की कोशिश की थी। प्राचार्य डॉ. डी.के. गिंदौरिया के निर्देश पर हुई जांच में गोड्डा जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि प्रस्तुत दस्तावेज फर्जी है। वहीं दत्ता उपनाम ने भी संदेह को मजबूत किया। कॉलेज ने छात्रा का नामांकन तत्काल रद्द कर दिया और उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है। इस मामले के उजागर होने के बाद राज्य स्तर पर हड़कंप मच गया है। झारखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा पार्षद (जेसीईसीईबी) ने स्टेट कोटे के तीसरे राउंड में एसटी आरक्षण से दाखिला लेने वाले 10 छात्रों को संदिग्ध सूची में रखा है। उनके जाति और आवासीय प्रमाणपत्रों की विशेष जांच का आदेश जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे तत्काल प्रभाव से आरक्षण आधारित सभी दाखिलों की पुनः जांच करें। यह मामला न केवल भारतीय शिक्षा व्यवस्था में प्रमाणपत्र धोखाधड़ी की गंभीरता को उजागर करता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मेडिकल एडमिशन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है। अधिकारियों का कहना है कि यदि दोष साबित होता है तो आरोपी छात्रों पर कठोर कानूनी कार्रवाई होगी और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन प्रणाली को अनिवार्य बनाया जाएगा।