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सरायकेला में फिर बरामद हुआ नक्सलियों का बारूद भंडार, पहाड़ियों में छिपाए गए थे 125 किलो विस्फोटक

रिपोर्ट: MANISH 20 दिन पहलेअपराध

नक्सलमुक्ति के दावे पर फिर उठे सवाल, एक महीने में चौथी बड़ी बरामदगी से प्रशासन में हड़कंप

सरायकेला में फिर बरामद हुआ नक्सलियों का बारूद भंडार, पहाड़ियों में छिपाए गए थे 125 किलो विस्फोटक

सरायकेला-खरसावां : जिले में नक्सलियों की ओर से छिपाए गए विस्फोटकों की एक और बड़ी खेप बरामद की गई है। 2 अगस्त 2025 को पुलिस अधीक्षक को गुप्त सूचना मिली थी कि भाकपा (माओवादी) के उग्रवादियों ने कुचाई थाना के दलभंगा ओपी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिकरम्बा के पहाड़ी इलाके में विस्फोटक सामग्री छिपा रखी है। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सरायकेला-खरसावां पुलिस, चाईबासा पुलिस, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और एसएसबी की संयुक्त टीम ने सघन तलाशी अभियान चलाया। अभियान के दौरान जंगली और पहाड़ी इलाके में छिपाए गए स्टील कंटेनर से पांच प्लास्टिक बैग में अमोनियम नाइट्रेट पाउडर कुल 125 किलोग्राम बरामद किया गया। प्रत्येक बैग में 25-25 किलो विस्फोटक मौजूद था। सुरक्षा की दृष्टि से सभी विस्फोटकों को मौके पर ही बम निरोधक दस्ते की मदद से नष्ट कर दिया गया। पुलिस ने इस संबंध में आगे की विधिसम्मत कार्रवाई शुरू कर दी है। यह बरामदगी पिछले एक महीने में जिले में चौथी बड़ी घटना है जिससे प्रशासन के नक्सलमुक्त दावे पर सवाल खड़े हो गए हैं। इससे पहले 31 जुलाई को ग्राम मासीबेरा के पहाड़ी इलाके से 60 किलो अमोनियम नाइट्रेट और वैसलीन जैली बरामद हुई थी। वहीं 28 जून को खरसावां थाना के गोबरगोटा पहाड़ी से 5 किलो विस्फोटक, 29 केन बम और 500 डेटोनेटर मिले थे। 22 जुलाई को नीमडीह पहाड़ी से 12 भारी केन बम और 23 जुलाई को लोटबुरू से दो ग्लास बम बरामद किए गए थे। लगातार हो रही इन बरामदगियों से यह स्पष्ट है कि नक्सली अब भी सरायकेला को बारूद भंडारण के सेफ जोन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के सामने यह एक नई चुनौती बनकर उभरी है। जानकारों का मानना है कि यह सिर्फ छिपी हुई गतिविधियों की एक बानगी है और खतरे की जड़ें अभी भी काफी गहरी हैं। ऐसे में ज़रूरत है कि सतर्कता और सर्च अभियान को और तेज़ किया जाए ताकि छिपे हुए विस्फोटक और नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जा सके।

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