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एनआईटी जमशेदपुर के शोधार्थी मुमताज रिज़वी ने भारत में जैव-चिकित्सा इंजीनियरिंग और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग अनुसंधान को दी नई दिशा

रिपोर्ट: MANISH 6 घंटे पहलेझारखण्ड

एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग आधारित बायो-इम्प्लांट सामग्री पर किया अभिनव शोध, चिकित्सा क्षेत्र में नई संभावनाओं के खुले द्वार

एनआईटी जमशेदपुर के शोधार्थी मुमताज रिज़वी ने भारत में जैव-चिकित्सा इंजीनियरिंग और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग अनुसंधान को दी नई दिशा

आदित्यपुर : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोधार्थी मुमताज रिज़वी ने “पॉलीलैक्टिक एसिड और टाइटेनियम (Ti-6Al-4V) मिश्रधातु से निर्मित एक एडिटिवली निर्मित संरचना का यांत्रिक अभिलक्षणन” विषय पर अपने पीएचडी शोध प्रबंध का सफलतापूर्वक बचाव किया। मौखिक परीक्षा का मूल्यांकन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के प्रो. पुलक मोहन पांडे ने बाह्य परीक्षक के रूप में किया। यह शोध कार्य एनआईटी जमशेदपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. दीपक कुमार के निर्देशन में संपन्न हुआ। रिज़वी का शोध एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (एएम) तकनीक द्वारा विकसित बायो-इम्प्लांट सामग्रियों के डिजाइन और परीक्षण पर केंद्रित था। अध्ययन में पॉलीलैक्टिक एसिड (PLA) और टाइटेनियम मिश्रधातु (Ti-6Al-4V) से बनी मिश्रित संरचनाओं के यांत्रिक, ट्राइबोलॉजिकल और जैविक गुणों का विश्लेषण किया गया। शोध निष्कर्ष चिकित्सा क्षेत्र विशेषकर आर्थोपेडिक प्रत्यारोपणों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं। यह कार्य भारत में स्वदेशी जैव-चिकित्सा इंजीनियरिंग और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तकनीकों के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष (प्रभारी) डॉ. कृष्णदेव प्रसाद सिंह, प्रो. संजय और प्रो. शैलेंद्र कुमार उपस्थित रहे।

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