चंपई सोरेन के हस्तक्षेप और उपायुक्त के आश्वासन पर सनत आचार्या ने स्थगित किया आमरण अनशन
25 करोड़ की जलापूर्ति योजना भी नाकाम, सरायकेला नगर के कई हिस्सों में पानी की भारी किल्लत

सरायकेला : नगर क्षेत्र में 25 करोड़ रुपये की लागत से बनी जलापूर्ति योजना लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है। नगर की बड़ी आबादी को अब भी नियमित रूप से पेयजल नहीं मिल पा रहा है। इस गंभीर समस्या के समाधान की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री सह विधायक चंपई सोरेन के प्रतिनिधि सानत आचार्य मंगलवार से आमरण अनशन पर बैठने वाले थे। हालांकि विधायक चंपई सोरेन के निर्देश और उपायुक्त से प्राप्त ठोस आश्वासन के बाद उन्होंने अपना आमरण अनशन फिलहाल स्थगित कर दिया है। सानत आचार्य ने बताया कि पहले यह योजना सुचारू रूप से संचालित थी लेकिन इसके रिनोवेशन पर 25 करोड़ खर्च होने के बावजूद मात्र चार वर्षों में ही यह योजना असफल साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि नगर परिषद मेंटेनेंस के नाम पर प्रतिमाह 5 लाख यानी सालाना 60 लाख रुपये खर्च कर रही है फिर भी नगर क्षेत्र के कई हिस्सों में पानी नहीं पहुंच रहा है। इसको लेकर उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी निवेदिता नियति से भी मुलाकात की और अनशन की सूचना दी थी। एसडीओ के सुझाव पर उन्होंने उपायुक्त से बातचीत की, जहां उपायुक्त ने उन्हें भरोसा दिलाया कि दो दिनों के भीतर पेयजल आपूर्ति की स्थिति में सुधार किया जाएगा। विधायक प्रतिनिधि ने बताया कि इस विषय पर उपायुक्त ने संबंधित विभाग के साथ बैठक भी की है। चंपई सोरेन के निर्देश और प्रशासन के आश्वासन को देखते हुए फिलहाल आमरण अनशन स्थगित कर दिया गया है लेकिन यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे।