"ऑपरेशन सिंदूर हर भारतीय सैनिक के लिए गर्व का क्षण है": सुबेदार मेजर अरुण कुमार सहार (सेवानिवृत्त), युद्ध अनुभवी
यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि दुनिया को यह संदेश था कि भारत अपनी सरज़मीं पर आतंकवाद कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।

मेदिनीनगर : 7 मई 2025 को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर एक सटीक और साहसिक सैन्य कार्रवाई की। यह जवाब उन 26 निर्दोष नागरिकों की शहादत के प्रतिशोध में दिया गया, जो पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में मारे गए थे। एक सैनिक के रूप में, जिसने अपने जीवन में कई बार देश की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी है, मैंने इस ऑपरेशन को गर्व और सम्मान की भावना से देखा। यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि दुनिया को यह संदेश था कि भारत अपनी सरज़मीं पर आतंकवाद कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी विशेषता थी थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच अद्वितीय तालमेल। वायु सेना ने बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय समेत नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। थल सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर पूरी मुस्तैदी के साथ निगरानी और मोर्चा संभाला, जबकि नौसेना ने अरब सागर में समुद्री निगरानी और रणनीतिक दबाव बनाए रखा, जिससे किसी भी तरह की बढ़ती हुई चुनौती को रोका जा सके। पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को हमारे एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली ने पूरी तरह से विफल कर दिया, जो हमारी सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।
मैंने करगिल युद्ध, श्रीलंका संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन और कई आतंकवाद विरोधी अभियानों में अपनी सेवा के दौरान भारतीय सेना की वीरता को नजदीक से देखा है। अपने 34 वर्षों के सैन्य जीवन के अनुभव के आधार पर मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सेना की साहस, समन्वय और प्रतिबद्धता का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है।
आज भी यदि देश पुकारे, तो मैं एक बार फिर वर्दी पहनने के लिए तैयार हूँ। एक सैनिक के लिए देशभक्ति की भावना कभी समाप्त नहीं होती। ऑपरेशन सिंदूर ने हर भारतीय का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है और मैं उन सभी वीर जवानों को सलाम करता हूँ जो दिन-रात देश की रक्षा में डटे हुए हैं। जय हिन्द।