विश्व जनसंख्या दिवस पर सरायकेला में जनसंख्या स्थिरता अभियान की शुरुआत, सेवा पखवाड़े के रूप में चलाया जाएगा कार्यक्रम
उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह ने कहा : जनसंख्या वृद्धि सभी समस्याओं की जड़, सामाजिक चेतना ही समाधान का रास्ता

सरायकेला : विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर सरायकेला सदर अस्पताल परिसर में उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में जनसंख्या स्थिरता अभियान-2025 का औपचारिक शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर एक जनजागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया जो जिले के सभी प्रखंडों का भ्रमण कर परिवार नियोजन को लेकर आमजन को जागरूक करेगी। कार्यक्रम के तहत 11 जुलाई से 31 जुलाई तक सेवा प्रदायगी पखवाड़ा के रूप में विभिन्न परिवार कल्याण सेवाएं योग्य दंपतियों को प्रदान की जाएंगी। अभियान का थीम है विकसित भारत की नयी पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान। इस दौरान एनएसवी ऑपरेशन, महिला बंध्याकरण, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी और अंतरा जैसी सेवाओं पर विशेष फोकस किया जाएगा। 2024-25 की तुलना में वर्ष 2025-26 में उपलब्धियों का प्रतिशत काफी कम दिख रहा है। उदाहरण स्वरूप, एनएसवी ऑपरेशन की उपलब्धि अभी शून्य प्रतिशत है, जबकि महिला बंध्याकरण 1 प्रतिशत, आइयूसीडी 2 प्रतिशत और पीपीआईयूसीडी की उपलब्धि 7 प्रतिशत ही रही है। जनसंख्या स्थिरता के लिए तय लक्ष्य के अनुसार काफी प्रयास अभी भी शेष हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि वैश्विक समस्या है। उन्होंने कहा कि 1950 के बाद विज्ञान और चिकित्सा क्षेत्र की प्रगति के कारण मृत्यु दर में भारी कमी आई है लेकिन समाज में लड़कों की प्राथमिकता जैसी मानसिकता के चलते आज भी कई जगहों पर बेटियों के बाद भी संतान की चाह बनी रहती है। उपायुक्त ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक महिला जिसकी पहले से ही सात बेटियां हैं वह आठवें बच्चे की तैयारी कर रही है क्योंकि उसे लड़के की चाह है। यह सोच बदलने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि जनसंख्या वृद्धि कानून-व्यवस्था, संसाधनों की कमी, पारिवारिक विवाद, भूमि विवाद जैसे तमाम समस्याओं की जड़ है। इसलिए यह हम सभी का सामाजिक दायित्व है कि हम लोगों को जागरूक करें योजनाओं की जानकारी दें और उनकी शंकाओं को दूर करें। वहीं जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत आज जनसंख्या के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के कार्यक्रम को गांव, कस्बे और दूरदराज के क्षेत्रों में तेजी से फैलाने की आवश्यकता है, क्योंकि इन इलाकों में जानकारी की कमी और लड़के की चाह जैसी पारंपरिक सोच आज भी परिवारों को अधिक संतान उत्पत्ति की ओर प्रेरित करती है। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के विधायक प्रतिनिधि सनत आचार्या, खरसावां विधायक प्रतिनिधि अनूप सिंहदेव, एसीएमओ डॉ. जुझार माझी समेत अन्य स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जनजागरूकता फैलाने और अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया।