सरायकेला में रथ यात्रा की तैयारी जोरों पर, 45% रथ निर्माण कार्य पूर्ण, नेत्र उत्सव से पूर्व पूरा होगा निर्माण
बिजली तार हटाने और रथ मार्ग को सुगम बनाने की प्रक्रिया जारी, इस बार रथ यात्रा में नहीं रुकेगी बिजली आपूर्ति : सनत आचार्या

सरायकेला (जगदीश साव) : भगवान श्रीजगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा को लेकर सरायकेला में तैयारियां जोरों पर हैं। अक्षय तृतीया (30 अप्रैल) से शुरू हुआ रथ निर्माण कार्य महज 11 दिनों में 45% पूरा हो चुका है। भगवान श्रीजगन्नाथ का यह नया रथ 26 जून को होने वाले नेत्र उत्सव से पहले पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा। जगन्नाथ सेवा समिति के उपाध्यक्ष सनद आचार्य ने बताया कि रथ यात्रा के मार्ग को सुगम बनाने के लिए नगर क्षेत्र के बड़दांड मार्ग पर बिजली विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस बार पहली बार ऐसा हो रहा है जब रथ यात्रा के दौरान नगर क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बंद नहीं होगी बल्कि पुख्ता इंतज़ामों के साथ बिजली व्यवस्था को बरकरार रखा जाएगा।
बिजली विभाग कर रहा है तार हटाने का कार्य
बिजली विभाग द्वारा बड़दांड मार्ग में रथ के सुगम संचालन हेतु ओवरहेड तारों को हटाया जा रहा है। नगर निरीक्षण के दौरान कार्यपालक अभियंता लालजी महतो और जगन्नाथ सेवा समिति के उपाध्यक्ष सनद आचार्य की उपस्थिति में तय किया गया कि सभी केवुल (cable) को एक ओर किया जाएगा। इसके लिए 13 मीटर ऊंचे लोहे व सीमेंट के कुल 22 पोल लगाए जा रहे हैं जिनमें अब तक 12 पोल स्थापित किए जा चुके हैं।
पुरी-कोणार्क की टीम कर रही है रथ निर्माण
रथ निर्माण कार्य में पारंपरिक शिल्प कौशल झलक रहा है। पुरी कोणार्क से आई टीम में प्रमुख कारीगर प्रकाश चंद्र ओझा बढ़ई कार्य संभाल रहे हैं। प्रसिद्ध मूर्तिकार गोविंद महाराणा अपनी मूर्तिकला से रथ को सजाने में लगे हैं। उनके साथ जगन्नाथ ओझा, निरंजन ओझा, सदाशिव महाराणा, शिव राणा और राजेश महाराणा जैसे कुशल कारीगर कार्यरत हैं। पूजा की विधियों का पालन कराने हेतु पुरी से आशीष पंडा को पूजक के रूप में आमंत्रित किया गया है। जगन्नाथ सेवा समिति का मानना है कि इस बार की रथ यात्रा ऐतिहासिक होगी और नगरवासी एक नई व्यवस्था के साथ इस महायात्रा के साक्षी बनेंगे।