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पेयजल की समस्या को लेकर आदिम जनजाति के लोग पहुंचे प्रखंड कार्यालय

रिपोर्ट: अभय कुमार94 दिन पहलेझारखण्ड

कुएं का दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं आदिम जनजाति परिवार

पेयजल की समस्या को लेकर आदिम जनजाति के लोग पहुंचे प्रखंड कार्यालय

मनिका प्रतिनिधि। प्रखंड के बिशुनबांध पंचायत के तेवरही गाँव के दर्जनों आदिम जनजाति के महिला पुरुष पेयजल की समस्या को लेकर मनिका प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार तिवारी के पास गुहार लगाया। 4.jpg

आदिम जनजाति के आरती देवी, मंजू देवी,सीतामनी देवी, प्रतिमा देवी,गुड़िया देवी,लालो देवी, अनीता देवी, मालती देवी, प्रमिला देवी, बासमती देवी,मुनिया देवी, सुनीता देवी, सविता देवी, चिंता मासोमात,सुनीता देवी, ने बताई की पीने का पानी के लिए हमारे गांव में कोई सुविधा नहीं है। एक पुराना चापानला है जो खराब पड़ा हुआ है।

पीने के पानी के लिए गांव में एकमात्र कुआं है जहां से गंदा पानी पीने के लिए हम लोग मजबूर हैं। गंदा पानी पीने से लगातार हमारे टोला में बच्चे एवं हम लोग बीमार पढ़ते रहते हैं।गांव के पास में ही एक नाला है जहां से हम लोग पानी पिया करते थे वह नाल भी सूख गया है। आदमी तो किसी प्रकार कुआं का गंदा पानी पीकर प्यास बुझा लेते हैं लेकिन जानवर को पानी पिलाना हम लोग के लिए चुनौती हो जाता है।

वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज तिवारी ने बताया कि पीएचडी विभाग के अधिकारी एवं कनिये अभियंता से इस विषय पर बात हुई है। जल्द ही पेयजल की समस्या से लोगों को निजात मिलेगा। वहीं कई आदिम जनजाति महिलाओं को पेंशन तक नहीं मिल रहा है और कई लोग सरकारी आवास से वंचित हैं। जबकि सरकार का आदिम जनजातियों के प्रति कई सरकारी योजनाएं चलाया जा रहा है। वही कई महिला पुरुषों ने बताया कि पंचायत के मुखिया को कई बार हम लोग पेयजल की समस्या एवं अन्य समस्याओं से अवगत कारण हैं लेकिन मुखिया द्वारा किसी प्रकार का कोई प्रयास आदिम जनजातियों के प्रति नहीं किया जाता है।

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