झारखंड मजदूर किसान यूनियन का प्रांतीय सम्मेलन सम्पन्न
हेमंत कुमार दास को झारखंड मजदूर किसान यूनियन के महासचिव हुए निर्वाचित , संगठन विस्तार का लिया संकल्प

मेदिनीनगर : "मजदूर और किसान हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। मजदूर देश की चमक बढ़ाते हैं और किसान देश के नागरिकों का पेट भरते हैं। फिर भी अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र आज भी समस्याओं से जूझ रहे हैं। यदि पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्राम सभाओं को मजबूत किया जाए और ग्रामवासी सक्रिय भागीदारी निभाएं, तो गांवों की 80% समस्याएं स्वतः समाप्त हो सकती हैं।" उक्त बातें वरिष्ठ पत्रकार एवं दैनिक समाचार पत्र झारखंड प्रहरी के संपादक अश्विनी कुमार घई ने झारखंड मजदूर किसान यूनियन के दूसरे प्रांतीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में कहीं।
यह सम्मेलन गढ़वा जिला अंतर्गत रामकंडा प्रखंड के मंगराही गांव में आयोजित किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता एवं संचालन हेमंत कुमार दास ने किया। मंच पर उनके साथ सविता कोरवा, दुर्गा देवी, शिवकुमार सिंह, अरविंद यादव और विजय चौधरी उपस्थित थे। सम्मेलन तीन सत्रों में आयोजित हुआ।
प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि अश्विनी कुमार घई, सविता कोरवा, दुर्गा देवी और विजय चौधरी सहित यूनियन के कई ग्रामस्तरीय नेताओं को माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात प्रेम प्रकाश ने पलामू, गढ़वा और लातेहार जिलों से आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए सांगठनिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
प्रेम प्रकाश ने बताया कि यूनियन ने स्थापना काल से ही पंचायती राज अधिनियम, वन अधिकार कानून, खाद्य सुरक्षा अधिनियम और मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर जागरूकता फैलाने का कार्य किया है। इसी क्रम में विभिन्न गांवों में कार्यशालाओं और प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। आज यूनियन की ग्राम स्तरीय इकाइयाँ 40 गांवों में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आज की राजनीति में लोगों को मंदिर–मस्जिद और हिंदू–मुसलमान के नाम पर बाँटकर मूल समस्याओं से भटका दिया जा रहा है। खेतों की सिंचाई की व्यवस्था नहीं है और गरीब किसान-मजदूर के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव है। स्थिति यह है कि सरकारी स्कूलों में अब खुद सरकारी कर्मचारियों के बच्चे भी नहीं पढ़ते — मंत्री और अफसरों की बात तो दूर की है।
द्वितीय सत्र में संगठन विस्तार पर चर्चा करते हुए हेमंत कुमार दास ने कहा कि यह सम्मेलन संगठन को नए जिलों में फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यूनियन के सक्रिय साथी शिवलाल राम को लकवा मार गया है, फिर भी उन्होंने अपने गांव से प्रतिनिधियों को भेजा है। उन्होंने अपील की कि सभी साथी इस कठिन समय में शिवलाल राम को सहयोग प्रदान करें।
सम्मेलन में विजय चौधरी, दुर्गा देवी, सविता कोरवा और अरविंद यादव ने भी विचार रखते हुए संगठन के विस्तार की रूपरेखा पर चर्चा की।
अंतिम सत्र में सर्वसम्मति से हेमंत कुमार दास को झारखंड मजदूर किसान यूनियन का महासचिव निर्वाचित किया गया। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि आगामी तीन वर्षों में यूनियन राज्य के अन्य जिलों में भी अपनी इकाइयाँ गठित करेगा। इसके अलावा खेतों तक सिंचाई की व्यवस्था हेतु संघर्ष तथा सरकारी विद्यालयों में अफसर और मंत्रियों के बच्चों के नामांकन को अनिवार्य करने के लिए आंदोलन चलाया जाएगा। मजदूर-किसानों की जनकल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए यूनियन निरंतर सक्रिय रहेगा।
सम्मेलन का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ। सम्मेलन में कुल 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया और "मजदूर किसान एकता जिंदाबाद!" का नारा लगाते हुए संगठन विस्तार का संकल्प लिया।