सरायकेला का 100 बेडेड क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल अब भी अधूरा, उद्घाटन टला
डॉक्टरों की भारी कमी पर उठे सवाल, प्रशासन ने दी सफाई

सरायकेला : पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का ड्रीम प्रोजेक्ट सरायकेला जिले के संजय ग्राम स्थित 100 बेडेड क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल का अब तक उद्घाटन नहीं हो पाया है। इस अस्पताल का उद्घाटन जनवरी 2025 में होना तय था लेकिन कार्य की देरी और तकनीकी बाधाओं के कारण अब तक यह शुरू नहीं हो सका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि भले ही करोड़ों रुपये के अत्याधुनिक उपकरण लगा दिए जाएं और भवन पूरी तरह तैयार हो जाए लेकिन सवाल यह है कि इतने बड़े अस्पताल में बेहतर और अनुभवी चिकित्सक कहां से लाए जाएंगे जबकि जिले में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है। ज्ञात हो कि वर्ष 2022 में आदिवासी कल्याण मंत्री रहते हुए चंपई सोरेन ने इस अस्पताल की योजना लाई थी ताकि सरायकेला जिले के लोगों को गंभीर चिकित्सा सुविधाओं के लिए रांची या जमशेदपुर न जाना पड़े। उनका सपना था कि इस पिछड़े जिले के लोगों को अपने ही इलाके में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें।
निर्माण कार्य में देरी को लेकर अस्पताल निर्माण कंपनी के साइट इंचार्ज नवीन सिंह ने बताया कि समय पर ड्राइंग उपलब्ध न होने और बालू की कमी की वजह से उद्घाटन तय समय पर नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत उपकरण आ चुके हैं बाकी उपकरण संबंधित कंपनियां लाकर लगाएंगी। उनका दावा है कि एक से डेढ़ महीने के भीतर अस्पताल जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा।
जिले के उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह ने भी माना कि अस्पताल का काम तय समय से पीछे चल रहा है। उन्होंने कहा कि जनवरी तक यह पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन अब अगले डेढ़ से दो महीने के भीतर हैंडओवर और उद्घाटन कर दिया जाएगा। निरीक्षण के दौरान बिल्डिंग को फिजिकली कंप्लीट पाया गया है और फिलहाल फिनिशिंग का काम जारी है। उन्होंने बताया कि बड़े उपकरण भी लगभग आ चुके हैं और सप्लाई की प्रक्रिया जारी है।
डॉक्टरों की कमी के सवाल पर उपायुक्त ने कहा कि इस पर टिप्पणी करना कठिन है कि सरकारी या निजी डॉक्टर यहां सेवा देंगे या नहीं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में डॉक्टरों की कमी की जानकारी विभाग को भेज दी गई है और स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का राशनलाइजेशन किया जा रहा है ताकि इस अस्पताल में पर्याप्त संख्या में चिकित्सक मिल सकें।