निलंबित एएसआई शुभंकर कुमार ने लगाया मनमानी का आरोप, डीआईजी-सह-एसपी देवघर के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी
श्रावणी मेला ड्यूटी से जुड़े विवाद पर पुलिसकर्मी बोले: बिना स्पष्टीकरण निलंबन और निलंबन अवधि में 8 दिनों तक ड्यूटी के बाद मानसिक तनाव में हूं

देवघर/सरायकेला-खरसावां : श्रावणी मेला-2025 में प्रतिनियुक्त सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई) शुभंकर कुमार का निलंबन अब गंभीर विवाद का रूप लेता दिख रहा है। देवघर पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी आदेश (ज्ञापांक-117/बी.बी.सी. दिनांक 2 अगस्त 2025) के तहत शुभंकर कुमार को बिना अवकाश स्वीकृत अनुपस्थित रहने और अनुशासनहीनता के आरोप में 26 जुलाई से निलंबित कर पुलिस केंद्र देवघर में मुख्यालय निर्धारित किया गया है। निलंबन आदेश में कहा गया कि 23 जुलाई को द्वितीय पाली की जांच के दौरान शुभंकर कुमार अपने ड्यूटी स्थल पर नहीं पाए गए। सहकर्मी अधिकारियों और जवानों से पूछताछ में स्पष्ट हुआ कि उन्होंने बिना स्वीकृति अवकाश लिया और स्वलिखित प्रतिवेदन भी दिया था। इस आधार पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर स्पष्टीकरण मांगा गया।
वहीं निलंबित एएसआई शुभंकर कुमार ने पलटवार करते हुए डीआईजी-सह-एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अपने आवेदन में उन्होंने कहा कि निलंबन के बावजूद उनसे आठ दिनों तक ड्यूटी कराई गई। उन्होंने आरोप लगाया कि वरिय पुलिस अधिकारी द्वारा पुलिसकर्मियों की छुट्टियां मनमाने ढंग से रोकी जाती हैं जिससे कई कर्मियों को निजी त्रासदी का सामना करना पड़ा है। शुभंकर ने अपने पक्ष में कहा कि उन्होंने पारिवारिक अनुष्ठान हेतु दो दिन का अवकाश आवेदन दिया था लेकिन स्वीकृति न मिलने के कारण वे ओपी-9 प्रभारी को लिखित सूचना देकर गए थे और नियत समय पर लौटकर योगदान प्रतिवेदन भी दे दिया था। इसके बावजूद बिना स्पष्टीकरण का अवसर दिए उनका निलंबन कर दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रिपोर्ट तैयार करने वाले पुलिस निरीक्षक राजेश कुमार से पूर्व में ड्यूटी को लेकर मतभेद रहे हैं और उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट द्वेषवश तैयार की गई। शुभंकर ने इसे अपने आत्मसम्मान पर आघात बताते हुए हाईकोर्ट, रांची में याचिका दायर करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि देवघर जैसे धार्मिक अवसर पर पुलिसकर्मी सेवा भावना से आते हैं न कि निलंबन का दंश झेलने के लिए। उन्होंने डीआईजी-सह-एसपी पर मनमानेपन, कठोरता और क्रूर रवैये का आरोप लगाते हुए न्यायालय से न्याय की मांग की है।