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टाटा स्टील एफएएमडी ने बामनीपाल प्लांट में इलेक्ट्रिक वाहन की शुरुआत की, सतत विकास की ओर बढ़ाया कदम

रिपोर्ट: VBN News Desk2 दिन पहलेझारखण्ड

स्वच्छ ऊर्जा व हरित परिवहन के साथ 2045 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य की दिशा में प्रगति

टाटा स्टील एफएएमडी ने बामनीपाल प्लांट में इलेक्ट्रिक वाहन की शुरुआत की, सतत विकास की ओर बढ़ाया कदम

टाटा स्टील के फेरो एलॉयज एंड मिनरल्स डिवीजन ने सतत विकास की यात्रा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए बामनीपाल स्थित फेरो एलॉयज प्लांट में कर्मचारियों के परिवहन हेतु एक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की शुरुआत की है। यह पहल कंपनी की स्वच्छ, हरित और सस्टेनेबल भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। नया इलेक्ट्रिक वाहन प्लांट के भीतर और बाहर कर्मचारियों को पर्यावरण अनुकूल व सुविधाजनक परिवहन सुविधा प्रदान करेगा। इससे कुल कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद मिलेगी। शून्य टेलपाइप उत्सर्जन के साथ यह ईवी न केवल प्लांट के कार्बन फुटप्रिंट को घटाने में योगदान देगा बल्कि कार्यस्थल के वातावरण को और अधिक स्वच्छ एवं स्वस्थ भी बनाएगा। इस अवसर पर एफएएमडी के एग्जीक्यूटिव-इन-चार्ज पंकज सतीजा ने कहा कि हर कदम महत्वपूर्ण होता है और कंपनी स्कोप 1, स्कोप 2 और स्कोप 3 तीनों स्तरों पर ठोस पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की शुरुआत स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने का अग्रणी कदम है जो दर्शाता है कि उद्योग पर्यावरण संरक्षण और मानव कल्याण को साथ लेकर कैसे आगे बढ़ सकते हैं। यह पहल टाटा स्टील के 2045 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के संकल्प से पूरी तरह मेल खाती है। फेरो एलॉयज एंड मिनरल्स डिवीजन में पहले से चल रही हरित पहलों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, अपशिष्ट प्रबंधन और जैव विविधता संरक्षण को यह और सशक्त बनाएगी। बता दें कि इससे पहले एफएएमडी ने जाजपुर स्थित फेरो एलॉयज प्लांट में सीमित दूरी वाले परिवहन के लिए ईवी ट्रकों का सफल परीक्षण किया था। साथ ही विशाखापत्तनम के वीपीएल कंटेनर फ्रेट स्टेशन में निर्यात कार्यों के लिए इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट्स का एकीकरण भी किया गया है। हाल ही में एफएएमडी ने कंफिट एनरसेव प्राइवेट लिमिटेड और यंत्र हार्वेस्ट के साथ अथागढ़ स्थित एफएपी में वेस्ट हीट रिकवरी परियोजना पर काम शुरू किया है। इसके अलावा जाजपुर प्लांट में फर्नेस ऑयल की जगह पाइप्ड नेचुरल गैस का उपयोग शुरू किया गया है जिससे स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा मिला है।

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