पाकुड़-बंगाल को जोड़ने वाला अंतरराज्यीय फाटक बना जानलेवा जाम पॉइंट
मालपहाड़ी सड़क पर 1C और 2C रेलफाटक बने मौत का दरवाजा, ईजरप्पा ने ROB निर्माण की मांग की

पाकुड़/मालपहाड़ी : झारखंड को पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाली अंतरराज्यीय मालपहाड़ी सड़क पर स्थित 1C और 2C रेल फाटक इन दिनों आमजन के लिए गंभीर समस्या बन चुके हैं। सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में ये रेलफाटक दुर्घटनाओं के अड्डे बनते जा रहे हैं। हर दिन सैकड़ों वाहन इन मार्गों से गुजरते है लेकिन न तो यहां चौकीदार हैं न चेतावनी संकेत न ही अलार्म। स्थानीय लोगों के अनुसार अब तक इन दोनों फाटकों पर कई छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं। वाहनों के फाटक में फंसने या ट्रेन से टकराने जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। टोटो, बाइक, ऑटो से लेकर भारी वाहन जैसे हाईवा तक यहां दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। स्थिति तब और भयावह हो जाती है जब 25 हजार वोल्ट की हाई वोल्टेज लाइन के नीचे से वाहन गुजरते हैं जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकती है। इस संकटपूर्ण स्थिति का मुआयना करने के लिए हाल ही में ईस्टर्न जोनल रेलवे पैसेंजर्स एसोसिएशन (ईजरप्पा) हावड़ा मंडल के प्रतिनिधियों ने दोनों रेलफाटकों का निरीक्षण किया। इस प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष हिसाबी राय, सचिव राणा शुक्ला, सह सचिव अनिकेत गोस्वामी, सिग्नल विभाग के कनिष्ठ अभियंता रणधीर पासवान और सादेकुल आलम शामिल थे। निरीक्षण के दौरान रणधीर पासवान ने स्थिति पर असमर्थता जताते हुए बताया कि 1C रेलगेट इंजीनियरिंग विभाग के अधीन है जबकि 2C रेलगेट WPDCL (पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड) की निजी मालगाड़ी लाइन के अंतर्गत आता है। यहां से रोजाना औसतन 14 कोयला रेक गुजरती हैं, जिससे भारी जाम की स्थिति बनी रहती है। स्वास्थ्य व्यवस्था से जूझ रहे पाकुड़ जिले के लिए यह मार्ग और अधिक अहम है क्योंकि गंभीर मरीजों को इलाज के लिए पश्चिम बंगाल स्थित अस्पतालों तक इसी मार्ग से ले जाया जाता है। मगर जब मरीजों को ले जा रही एंबुलेंसें भी घंटों जाम में फंसी रहती हैं तब यह सड़क जीवनदायिनी के बजाय जानलेवा बन जाती है। इस गंभीर खतरे को देखते हुए ईजरप्पा अध्यक्ष हिसाबी राय ने स्पष्ट कहा कि यह केवल यातायात की नहीं जीवन रक्षा की समस्या है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते उपाय नहीं किए गए तो बड़ी जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता। ईजरप्पा ने रेलवे मंत्रालय और संबंधित विभागों से मांग की है कि दोनों रेलफाटकों पर अतिशीघ्र रोड ओवर ब्रिज (ROB) का निर्माण कराया जाए। इससे आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना संभव हो सकेगा, दैनिक यातायात बाधित नहीं होगा और दुर्घटनाओं की आशंका समाप्त होगी। स्थानीय जनता ने भी प्रशासन से तत्काल कार्रवाई और स्थायी समाधान की मांग की है।