टीबी मुक्त पंचायत एवं गांव बनाने को ले एएनएम की भूमिका पर हुई चर्चा
टीबी बिमारी की समय से पहचान एवं इलाज नहीं होने पर जानलेवा भी हो सकता है। उन्होंने टीबी के लक्षण के बारे में बताया कि खांसी आ रहा हो, वजन घट रहा हो, सीने में दर्द हो, रात में सोने के समय पसीना आ रहा हो, बलगम के साथ खून निकल रहा हो तो अविलंब टीबी की जांच नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाकर जरुर करावें।
Lohardaga: जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुडू के सभागार में पीरामल स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमे टीबी मुक्त पंचायत एवं गांव बनाने को लेकर एएनएम की भूमिका के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा किया गया। इस दौरान पीरामल स्वास्थ्य के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुधीर कुमार राय ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत एवं गांव बनाने हेतु सामुदायिक सहभागिता की आवश्यकता है। इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर गठित आरोग्य स्वास्थ्य समिति एवं ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के उपलक्ष्य पर ग्रामीणों को टीबी बिमारी के लक्षण, जांच एवं उपचार के बारे में जानकारी दी जाय। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर पर मुखिया, टीबी चैंपियन, यूथ, ट्राईवल हिलर, शिक्षिक, प्रभावशाली व्यक्तियों एवं धर्म गुरुओं का एक कमिटी बनाया जाएगा, जिसके द्वारा घर में छिपे संदिग्ध टीबी मरीजों को जांच के लिए प्रेरित किया जायेगा। उन्होंने टीबी बिमारी के बारे बताते हुए कहा कि टीबी एक संक्रामक बिमारी है जो माईकोबैकटेरियम ट्यूबरकुलोसिस से होता है। टीबी बिमारी की समय से पहचान एवं इलाज नहीं होने पर जानलेवा भी हो सकता है। उन्होंने टीबी के लक्षण के बारे में बताया कि खांसी आ रहा हो, वजन घट रहा हो, सीने में दर्द हो, रात में सोने के समय पसीना आ रहा हो, बलगम के साथ खून निकल रहा हो तो अविलंब टीबी की जांच नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाकर जरुर करावें। बैठक के दौरान सभी एएनएम को निर्देश दिया गया कि प्रति माह सभी सहिया कम से कम पांच संदिग्ध टीबी मरीजों का सैंपल जांच के लिए लैब में भेजवाना सुनिश्चित करें। इस दौरान पीरामल स्वास्थ्य के डीपीसी आशिश कुमार भी टीबी के बारे में लोगों को जानकारी दी गई।