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स्वर्गीय माननीय की प्रतिमा निर्माण के महीनों बाद भी नहीं हुई अनावरण, आखिर कौन जिम्मेवार ?

रिपोर्ट: कार्तिक कुमार26 दिन पहलेझारखण्ड

पार्टी स्तर पर बात की जाए तो संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी को भी इस दिशा में पहल करने की जरूरत है।

स्वर्गीय  माननीय की प्रतिमा निर्माण के महीनों बाद भी नहीं हुई अनावरण,  आखिर कौन जिम्मेवार ?

पाकुड़। यह स्टैचू कोई साधारण व्यक्ति की नहीं है, बल्कि झारखंड के निर्माण में, झामुमो पार्टी के गठन में अग्रणी नेता की भूमिका में दिखे और एकीकृत बिहार में सांसद, विधायक के पद पर चालीस से पचास साल के कार्य कल तक बन रहे। लेकिन दुर्भाग्य कि बात है उनकी स्मृति में लाखों रुपए की लागत से स्टैचू तैयार कर महीनों से अनावरण के इंतजार में धूल फांकने के लिए खुली सड़क पर छोड़ दी गई है।

हम बात कर रहे हैं कभी राजमहल संसदीय सीट से सांसद, एकीकृत बिहार में विधायक, झारखंड में कैबिनेट मंत्री, विधायक के पद पर आसीन रहे स्वर्गीय साइमन मरांडी और सुशील हांसदा की।लिट्टीपाड़ा के निवर्तमान विधायक दिनेश विलियम मरांडी के कार्यकाल में उन्होंने अपने माता-पिता के स्मृति में हिरणपुर ब्लॉक के डांगापारा चौक पर विधायक निधि से तकरीबन 12 लाख की लागत से उनकी प्रतिमा का निर्माण आईटीडीए वर्किंग एजेंसी के माध्यम से कराई गई है।

लेकिन आज प्रतिमा के निर्माण और स्थापित हुए महीने गुजर जाने के बावजूद प्रतिमा का अनावरण करने के बजाय धूल फांकने के लिए छोड़ दिया गया है। अब सवाल उठता है की प्रतिमा का अनावरण ना होने के लिए जिम्मेवार किसे ठहराया जाए। कार्य एजेंसी या फिर प्रोटोकॉल।क्योंकि निवर्तमान विधायक दिनेश विलियम मरांडी की जगह अब वर्तमान विधायक हेमलाल मुर्मू लिट्टीपाड़ा विधानसभा से निर्वाचित हो विधायक बने हैं। इस लिहाजे प्रोटोकॉल के तहत उन्हें भी संज्ञान लेने की जरूरत है, क्योंकि साइमन मरांडी, सुशीला हांसदा के साथ हेमलाल मुर्मू भी झारखंड निर्माण से लेकर पार्टी के गठन, एकीकृत बिहार में एक साथ विधायक निर्वाचित होते रहे हैं।

पार्टी स्तर पर बात की जाए तो संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी को भी इस दिशा में पहल करने की जरूरत है। हालांकि इस दिशा में प्रशासनिक स्तर पर भी पहल होनी चाहिए और विधिवत प्रतिमा का अनावरण किया जाना चाहिए। जिस कदर दिनों दिन प्रतिमा पर धूल की परतें जमने लगी है मानो कोई प्रतिमा नहीं बल्कि पोस्टमार्टम के बाद जिस तरह से डेड बॉडी को पैकिंग कर रख दी जाती है, ठीक वैसा ही यह स्टैचू अब दिखने की स्थिति में आ गई है। इस विषय पर जिला प्रशासन को भी संज्ञान लेने की जरूरत है।

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