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डॉ सुशील पांडेय व डा. प्रवीण सिद्धार्थ के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने बचाई घायल जवान रोहित की जान

रिपोर्ट: Shailendra Tiwary3 घंटे पहलेझारखण्ड

इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डॉ उदय सिंह ने किया वीरता का काम

डॉ सुशील पांडेय व डा. प्रवीण सिद्धार्थ के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने बचाई घायल जवान रोहित की जान

डॉक्टर उदय ने सभी चिकित्सकों को बुलाया अस्पताल, इस क्रम में घायल जवान का कराया एक्स-रे, किया ओटी तैयार

मेदिनीनगर (पलामू) : लोग कहते हैं कि चिकित्सक भगवान के दूसरे रूप होते हैं। इसी तरह का मामला मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में बुधवार की देर रात आई तो लगा कि सचमुच चिकित्सक भगवान के दूसरे रूप होते हैं जो नया जीवन देने का काम करते हैं। पलामू ही नहीं बल्कि झारखंड के ख्याति प्राप्त सर्जन डा. सुशील पांडेय एवं नस व हड्डी रोग विशेषज्ञ सर्जन डा. प्रवीण सिद्धार्थ के नेतृत्व में डाक्टरों की टीम ने नक्सली मुठभेड़ में घायल जवान रोहित की जान बचाई।

मालूम हो कि बीती रात के 1.30 बजे के लगभग अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉ उदय कुमार सिंह के सामने एकाएक गोली लगे कई पुलिस जवान को लाया गया। उन्होंने देखा कि दो जवानों के शरीर गोली से छलनी हैं व वे शहीद हो गए हैं। लेकिन एक जवान की गोली लगने से हालत अत्यंत खराब है। घायल जवान के जंघा में बड़ा होल करते गोली जा धंसी थी। उन्होंने बिना देर किए फर्स्ट एड चालू किया। साथ ही डॉक्टर सुशील पांडेय व डा. प्रवीण सिद्धार्थ को फोन पर घटना की पूरी जानकारी देते हुए घायल जवान के ऑपरेशन के लिए दोनों चिकित्सकों को बुलाया।

इस क्रम में उन्होंने एनेस्थेटिक चिकित्सक डॉ दीपक को भी फोन कर अस्पताल बुलाया। डॉ दीपक ने बेहोशी की जिम्मेदारी संभाली। इसके पहले डॉक्टर अमित को भी फोन कर अस्पताल में शीघ्र आने की बात कही। बिना देर किए डॉक्टर सुशील पांडेय ने भी पलामू जिले के प्रसिद्ध डॉक्टर प्रवीण सिद्धार्थ को इस बारे में जानकारी दिया। उक्त सभी चिकित्सक तत्क्षण अस्पताल पहुंचे। इसके पूर्व डॉक्टर उदय सिंह ने घायल जवान रोहित के गोली लगने के स्थान का एक्स-रे कराया। साथ ही आपरेशन के लिए ओटी भी तैयार कराया। सभी डॉक्टरों ने ओटी में घायल जवान का इलाज शुरू किया।

इस क्रम में पलामू की पुलिस अधीक्षक रिष्मा रमेशन घायल जवान की जिंदगी के लिए ईश्वर से दुआ मांगती रही। घायल जवान की गोली हड्डी व नस के बीच में दो टुकड़े में फंसी हुई थी। यह एक जटिल ऑपरेशन था। अमूमन इस तरह के केस रांची रेफर कर दिए जाते हैं। लेकिन उक्त दोनों डॉक्टरों ने अपनी हिम्मत, मेहनत व काबलियत के बल पर रिस्क उठाया। सफल ऑपरेशन किया। 3 घंटे तक ऑपरेशन चलता रहा। अंत में गोली निकाली गई व ऑपरेशन सफल रहा। डॉक्टर ने घायल जवान रोहित को नया जीवनदान दिया। इसकी प्रशंसा पलामू की पुलिस अधीक्षक रिष्मा रमेशन, सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल श्रीवास्तव व पलामू जिला के कई प्रशासनिक पदाधिकारी ने भी किया है।

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