रूंगटा माइंस के विस्तार से खत्म हुई सब्जी की खेती, महंगाई से बेहाल सरायकेला के लोग
रुंगटा माइंस के कारण स्थानीय सब्जी उत्पादन प्रभावित, मिड-डे मील योजना पर भी असर

सरायकेला : प्रखंड क्षेत्र में कभी तीन रुपये प्रति किलो बिकने वाली टमाटर अब 60 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है। क्षेत्र में पहले जहां किसान टमाटर, भिंडी, लौकी जैसी हरी सब्जियों की खेती करते थे वहां अब एक के बाद एक कंपनियों और माइंस का कब्जा हो चुका है। अभिजीत कंपनी के आने के बाद ही सब्जी के दामों में वृद्धि देखी गई थी लेकिन रुंगटा माइंस के आगमन के बाद हालात और खराब हो गए हैं। कभी दुगनी जैसे क्षेत्र भिंडी उत्पादन के लिए मशहूर थे पर अब वहां मेटलसा कंपनी समेत कई बड़ी कंपनियां बैठ गई हैं। इससे स्थानीय किसानों की उपजाऊ जमीन बिक गई और खेती पूरी तरह ठप हो गई। इसके चलते बाजार में स्थानीय स्तर पर उगाई जाने वाली सब्जियों की आपूर्ति ठप हो गई है जिससे सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। बुधवार को सरायकेला डेली मार्केट में पटेल 60 रुपये, झींगा 60, बांधा गोभी 40, टमाटर 60, बरबटी 120, सहजन (मोरिंगा) 120, लौकी 40 रुपये प्रति पीस, करेला 60 रुपये किलो की दर से बिक रही थी। इस मूल्यवृद्धि ने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की रसोई को सीधे प्रभावित किया है। सब्जी विक्रेता बुद्धेश्वर महतो ने बताया कि जहां पहले सब्जियों की भरपूर खेती होती थी वहीं अब माइंस के चलते खेती बंद हो गई है। बाहर के शहरों से सब्जियां मंगवाने में परिवहन लागत अधिक आ रही है जिससे खुदरा दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इससे विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील योजना का बजट भी गड़बड़ा गया है। स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि तेजी से बढ़ रही महंगाई पर नियंत्रण के लिए जल्द ठोस कदम उठाया जाए और स्थानीय किसानों को पुनः खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए।