पीएम आवास का जियो टैग के नाम पर अवैध वसूली को ले पंचायत सचिव सहित तीन को ग्रामीणों ने घंटों बनाया बंधक
पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर तीनों को सुरक्षित वहां से लेकर साथ चली गई।

पाकुड़ । सदर प्रखंड के पृथ्वीनगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर अवैध वसूली के आरोप में शनिवार को ग्रामीणों ने पंचायत सचिव, वीएलई और एक बिचौलिया को घंटों बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया है। आखिरकार पुलिस के हस्तक्षेप पर बंधक बने तीनों को मुक्त कराया गया। हालांकि आक्रोशित ग्रामीण बीडीओ से जांच और कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े रहे। पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर तीनों को सुरक्षित वहां से लेकर साथ चली गई।
इस घटना के दौरान, पृथ्वीनगर पंचायत के पूर्व मुखिया मो. अजहरूल शेख ने आरोप लगाया कि आवास के नाम पर मोटी रकम की अवैध वसूली की जा रही थी। उन्होंने बताया कि मुखिया पति सलीम शेख के इशारे पर लाभुकों से 15,000, 20,000 और 30,000 रुपये तक की वसूली की जा रही थी। जो लोग पैसे नहीं दे पा रहे थे, उनके नाम सूची से काट दिए जाते थे। उन्होंने उदाहरण के तौर पर इमाज शेख का नाम लिया, जिन्होंने अपना मोबाइल बेचकर पैसे दिए थे, लेकिन फिर भी पूरी रकम नहीं दे पाने के कारण उनका नाम लिस्ट से काट दिया गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले लोग पंचायत सचिव की मौजूदगी में पैसे ले रहे थे। इसके बाद कई लाभुकों ने यह भी बताया कि पंचायत मेंबरों ने भी आवास के नाम पर पैसा लिया। समीर शेख नामक एक व्यक्ति ने बताया कि पांच नंबर वार्ड के मेंबर इमाम ने पहले किस्त से 5000 रुपये और दूसरी किस्त से 10,000 रुपये लिए थे। वहीं, हजीरा बेवा के बेटे इमाद ने भी 15,000 रुपये वसूली की बात कही। कुछ अन्य लाभुकों ने भी आरोप लगाया कि मुखिया और मेंबरों द्वारा आवास के नाम पर मोटी रकम ली जा रही है।
वहीं, बंधक बनाए गए वीएलई अब्दुल रऊफ ने सफाई देते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री आवास के ऑनलाइन कार्य के लिए आए थे और सिर्फ कुछ रुपये लिया था, लेकिन किसी पर कोई दबाव नहीं डाला गया। पंचायत सचिव मो. नसीमुद्दीन शेख ने भी कहा कि वह सिर्फ सर्वे कर रहे थे और आवास के नाम पर पैसे लेने के आरोप की कोई जानकारी नहीं थी।
मुखिया पति सलीम शेख ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि यह सब राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि कोई भी योजना के नाम पर पैसे लेने का आरोप गलत है और इसका उद्देश्य ग्रामीणों के बीच भ्रम फैलाना है। इस बाबत सदर
बीडीओ समीर अल्फ्रेड मुर्मू ने मामले की जांच कर कारवाई करने की बात कही है। कहा कि अगर आरोप सही पाए गए, तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।