जलजमाव बना जानलेवा, तालाब बनी सड़क में डूबने से युवक की मौत, NHAI की लापरवाही पर उठे सवाल
उपमुखिया ने एनएचएआई को ठहराया जिम्मेदार, कहा- प्रशासनिक निरीक्षण के बाद भी नहीं हुआ समाधान

चांडिल : सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल प्रखंड अंतर्गत आसनबनी पंचायत के फदलोगोड़ा गांव में जलजमाव के कारण तालाब जैसे बन चुके मुख्य सड़क पर डूबकर एक अज्ञात युवक की मौत हो गई। यह घटना देर रात की बताई जा रही है जिसका पता मंगलवार सुबह ग्रामीणों को तब चला जब शव पानी में तैरता दिखाई दिया। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। चांडिल थाना प्रभारी डील्शन बिरुआ ने बताया कि शव को बाहर निकाल लिया गया है और पहचान के लिए 72 घंटे तक शीतगृह में रखा जाएगा। यदि इस अवधि में शव की पहचान नहीं होती है तो यूडी केस दर्ज कर नियमानुसार अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। फदलोगोड़ा गांव के स्थानीय ग्रामीण संजय प्रमाणिक ने बताया कि एनएच-33 से जुड़ी मुख्य सड़क पर एनएचएआई द्वारा कलवर्ट को बंद कर दिया गया है जिससे वर्षा जल जमा होकर सड़क पर एक बड़े तालाब का रूप ले चुका है। उन्होंने आशंका जताई कि मृत युवक शायद पहली बार गांव आया हो और उसे वैकल्पिक रास्ते की जानकारी नहीं रही होगी इसी वजह से वह जलजमाव वाले रास्ते पर चला गया और डूब गया। ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय लोग इस मार्ग से अब नहीं चलते और वैकल्पिक मार्ग से घर जाते हैं। आसनबनी पंचायत के उप मुखिया प्रदीप महतो ने युवक की मौत के लिए एनएचएआई की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी सुबह करीब 10 बजे मिली जिसके बाद वे पुलिस को साथ लेकर घटनास्थल पहुंचे। प्रदीप महतो ने बताया कि जलनिकासी की समस्या को लेकर लगभग डेढ़ महीने पहले चांडिल के एसडीओ, सीओ, बीडीओ और एनएचएआई अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया था लेकिन उसके बाद न तो कोई अधिकारी वहां आया और न ही कोई समाधान हुआ। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस जलजमाव की समस्या का अविलंब समाधान हो ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों। एक ओर प्रशासनिक उदासीनता और दूसरी ओर तकनीकी लापरवाही का यह उदाहरण एक जानलेवा संकट में बदल चुका है। सवाल यह है कि क्या किसी और की जान जाने के बाद ही जिम्मेदार विभाग जागेगा?