रांची में अत्याधुनिक सुविधाओं वाले नए सीएम आवास का काम शुरू, हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने रखी आधारशिला
नए भवन के निर्माण होने तक वैकल्पिक तौर पर कांके रोड स्थित आवास नंबर-5 को अस्थायी रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय के रूप में आवंटित किया गया है।

रांची। रांची में कांके रोड स्थित सीएम हाउस को जमींदोज कर नए सिरे से आधुनिक सुविधाओं वाले नए आवास के निर्माण का काम शुरू हो गया है। बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर सीएम हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी विधायक कल्पना सोरेन ने विधिवत पूजा-अर्चना कर नए सीएम हाउस के निर्माण की आधारशिला रखी।
सीएम आवास और कार्यालय 22 एकड़ इलाके में स्थित है। राज्य के भवन निर्माण विभाग ने मौजूदा इमारत को सुरक्षा और प्रशासनिक कामकाज की दृष्टि से अनुपयुक्त मानते हुए नया डिजाइन और डीपीआर तैयार किया है।
नए भवन के निर्माण होने तक वैकल्पिक तौर पर कांके रोड स्थित आवास नंबर-5 को अस्थायी रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय के रूप में आवंटित किया गया है। इस आवास में आजसू के पूर्व विधायक और पार्टी प्रमुख सुदेश महतो रहते थे, जिसे खाली करा लिया गया है।
भवन निर्माण विभाग के अनुसार, सीएम कार्यालय और आवास का नया भवन भूकंपरोधी और आधुनिक सुरक्षा मानकों से युक्त होगा। इसमें कई लाउंज, विजिटर हॉल के अलावा एक अलग प्रेस रूम भी होगा। इसी परिसर में मुख्यमंत्री सचिवालय में सीएम के प्रधान सचिव से लेकर तमाम पदाधिकारियों के कार्यालय भी होंगे।
सीएम आवास में मुख्यमंत्री से मिलने आने वाले विदेशी मेहमानों के लिए भी कक्ष बनेगा। इसी परिसर में सुरक्षाकर्मियों के लिए बैरक से लेकर आवासन तक की सुविधा होगी। सीएम के खास मेहमानों के ठहरने के लिए भी कमरे बनाए जाएंगे। नवंबर, 2000 में झारखंड के अलग राज्य बनने के पूर्व इस इमारत में रांची (दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल) के आयुक्त का आवास हुआ करता था।
इस भवन का निर्माण 1853 में बंगाल के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर के प्रिंसिपल एजेंट कमिश्नर एलियन के कार्यकाल में शुरू हुआ था। एक साल बाद 1854 में जब भवन बनकर तैयार हुआ तो इसमें सबसे पहले छोटानागपुर के कमिश्नर के रूप में मिस्टर कैफोर्ड रहने आए। भारत की आजादी के पहले तक यह भवन कैफोर्ड हाउस के नाम से जाना जाता था।
ब्रिटिश काल से लेकर अब तक इस इमारत से कई मिथक और अंधविश्वास जुड़े रहे हैं। इस बंगले में रहने वाले अधिकारियों में से सिर्फ इलियट डाल्टन ही ऐसे रहे, जिन्होंने तीन वर्षों से अधिक का कार्यकाल पूरा किया।
वर्ष 2013 में हेमंत सोरेन जब पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तब वह इस आवास में शिफ्ट नहीं हुए थे। इसके बाद वर्ष 2019 में जब वह दूसरी बार सीएम बने तो उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर कैफोर्ड हाउस से सटे अपने पुराने सरकारी आवास को ही सीएम आवास बना लिया। सीएम का कार्यालय जरूर इसी पुरानी इमारत में संचालित होता रहा।