सरायकेला में 186 स्वास्थ्य कर्मियों पर गिरी गाज, सिविल सर्जन ने रोका वेतन
एमडीए-आइडिया अभियान में लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग सख्त, लगातार दूसरे दिन बड़ी कार्रवाई

सरायकेला-खरसावां : जिले में स्वास्थ्य विभाग आमजनों की स्वास्थ्य सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले कर्मियों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसी क्रम में बुधवार को सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह ने एमडीए-आइडिया अभियान के दौरान लापरवाही बरतने वाले 186 स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन अगले आदेश तक रोकने का निर्देश दिया। जिले में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 14 अगस्त से एमडीए-आइडिया अभियान की शुरुआत की गई थी। इस अभियान में 11,82,856 लोगों को घर-घर जाकर दवा खिलाने का लक्ष्य तय किया गया था। इसके लिए सहिया समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को सुपरवाइजर की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्हें प्रतिदिन के कार्यों की रिपोर्ट गूगल लिंक के माध्यम से दर्ज करनी थी और दल का अनुश्रवण भी करना था। लेकिन इस दौरान 186 सुपरवाइजर्स द्वारा जिम्मेदारी में गंभीर लापरवाही की गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन ने चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक समेत सरायकेला, इचागढ़, गम्हरिया, राजनगर, खरसावां और कुचाई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र भेजकर दोषी सुपरवाइजर्स की सूची उपलब्ध कराई है। स्वास्थ्य विभाग की यह लगातार दूसरी बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। इससे पहले भी कई लापरवाह कर्मियों पर वेतन रोकने की कार्रवाई की जा चुकी है। विभाग ने साफ किया है कि अभियान में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आमजनों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।