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सरायकेला में बाल विवाह उन्मूलन पर एकदिवसीय कार्यशाला, उपायुक्त नितिश कुमार ने कहा: समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर बदलनी होगी सोच

रिपोर्ट: MANISH 14 घंटे पहलेझारखण्ड

कानूनी प्रावधानों से लेकर प्रेरक कहानियों तक, जिले में बाल विवाह रोकथाम के लिए व्यापक रणनीति पर बनी सहमति

सरायकेला में बाल विवाह उन्मूलन पर एकदिवसीय कार्यशाला, उपायुक्त नितिश कुमार ने कहा: समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर बदलनी होगी सोच

सरायकेला : समाहरणालय सभागार में बुधवार को उपायुक्त नितिश कुमार सिंह की अध्यक्षता में बाल विवाह उन्मूलन एवं रोकथाम विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के पदाधिकारी, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि और महिला पर्यवेक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यशाला का उद्देश्य कानूनी प्रावधानों का प्रसार, विभागीय समन्वय को मजबूत करना और समुदाय-स्तर पर जागरूकता बढ़ाना था। अपने संबोधन में उपायुक्त ने बाल विवाह को गंभीर सामाजिक कुरीति बताते हुए कहा कि यह बालिकाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य को सबसे अधिक प्रभावित करता है। उन्होंने याद दिलाया कि विवाह की वैधानिक आयु लड़कों के लिए 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष का उल्लंघन करने पर कठोर दंड का प्रावधान है। उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाएँ और योजनाओं से वंचित बालिकाओं की पहचान कर उन्हें शिक्षा, पोषण, सुरक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ा जाए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव तौसीफ़ मिराज ने कानून के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी और कहा कि बाल विवाह रोकना केवल प्रशासनिक दायित्व नहीं बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व भी है। कार्यक्रम में नुआगाँव की बेबी महतो की प्रेरक दास्तान ने उपस्थित लोगों को भावुक किया जिनका विवाह प्रशासन के हस्तक्षेप से रोका गया और आज वे अपनी शिक्षा जारी रखकर अन्य बालिकाओं के लिए उदाहरण बन रही हैं। कार्यशाला में बाल विवाह पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का भी शुभारंभ किया गया जिसे जिलेभर में प्रदर्शित किया जाएगा। अंत में उपायुक्त ने सभी प्रतिभागियों को बाल विवाह उन्मूलन की शपथ दिलाई और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

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