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चंपई सोरेन का झारखंड सरकार पर बड़ा हमला, कहा : आदिवासियों की आवाज़ दबा रही है हेमंत सरकार

रिपोर्ट: MANISH 7 घंटे पहलेराजनीति

हूल विद्रोह के बाद अंग्रेजों ने भी ऐसा नहीं किया, पर अबुआ सरकार आदिवासी समाज को कुचल रही है : चंपई सोरेन

चंपई सोरेन का झारखंड सरकार पर बड़ा हमला, कहा : आदिवासियों की आवाज़ दबा रही है हेमंत सरकार

जमशेदपुर : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और सरायकेला विधायक चंपई सोरेन ने मंगलवार सुबह जमशेदपुर के कदमा स्थित अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर हेमंत सरकार पर आदिवासी विरोधी रवैये का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चाईबासा में नो एंट्री की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे आदिवासियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग अमानवीय और शर्मनाक है। चंपई ने कहा कि आखिर इन आदिवासियों का कसूर क्या था? वे तो दिन में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक की मांग कर रहे थे ताकि सड़क दुर्घटनाएं कम हों। क्या लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करना अब अपराध है? उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार लगातार आदिवासियों और मूलवासियों की आवाज को कुचल रही है। भोगनाडीह में सिदो-कान्हू के वंशजों पर लाठीचार्ज, गोड्डा में सूर्या हांसदा का फर्जी एनकाउंटर, नगड़ी में किसानों पर हमला और अब चाईबासा में निर्दोष आदिवासियों पर अत्याचार... क्या यही अबुआ झारखंड है? चंपई सोरेन ने सरकार पर तानाशाही रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि सिरमटोली में केंद्रीय सरना स्थल पर जबरन निर्माण कराया गया, नगड़ी में किसानों की जमीन छीनी गई और विरोध करने वालों को नजरबंद या गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि 170 साल पहले अंग्रेजों ने भी हमारे समाज का इतना अपमान नहीं किया जितना यह सरकार कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने की घटना इस सरकार की असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है, आदिवासी बच्चों की जान के बदले सरकार ने मात्र दो लाख रुपये की कीमत तय कर दी। चंपई ने चेतावनी दी कि अब राज्य की जनता एकजुट हो रही है। जब भी आदिवासी या मूलवासी समाज पर हमला होगा मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा। यह सरकार अब जनता के आक्रोश से नहीं बच पाएगी। यह बयान झारखंड की राजनीति में आदिवासी अस्मिता और शासन के तौर-तरीकों को लेकर नई बहस को जन्म दे रहा है।

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