भव्य तैयारी के साथ होगी छठ पूजा सफाई, सजावट और सुविधा कार्य में जुटे समाजसेवी
श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा की जा रही है।

Ajay Kumar हिरणपुर : आस्था और सूर्योपासना के महापर्व छठ पूजा को लेकर पूरे क्षेत्र में श्रद्धा और उल्लास का वातावरण है। इसी क्रम में विभूतिभूषण दत्ता छठ तालाब एवं नामोपाड़ा स्थित खेपी तालाब की सफाई एवं सौंदर्यीकरण का कार्य जोरों पर है। दोनों ही स्थल वर्षों से छठ पर्व के प्रमुख पूजा स्थलों में शामिल हैं, जहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने पहुंचते हैं।स्थानीय लोगों के अनुसार, विभूतिभूषण घाट पर करीब 60 वर्षों से निरंतर छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है।
वहीं, सुनील दे ने बताया कि खेपी तालाब में वर्ष 2019 से छठ पूजा की परंपरा शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि “शुरुआत में कुछ ही परिवार इस तालाब पर छठ व्रत करने आते थे, लेकिन आज यह पूरा क्षेत्रीय आस्था का केंद्र बन चुका है। हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां छठ व्रतियों और आगंतुकों के लिए साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और बच्चों के मनोरंजन तक की व्यवस्था की जाती है। पूजा की रात आतिशबाजी से पूरा घाट जगमगा उठता है, जिससे वातावरण भक्तिमय बन जाता है।” उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय युवाओं और समाजसेवियों के सहयोग से इस वर्ष भी खेपी तालाब को आकर्षक रूप देने की तैयारी जारी है।
समाजसेवी सहदेव साहा के नेतृत्व में विभूतिभूषण तालाब में पिछले 52 वर्षों से लगातार छठ की तैयारियाँ की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तालाब के किनारे विभागीय स्तर पर पक्का घाट बनाया गया है, जिससे व्रतियों को पूजा के दौरान काफी सहूलियत होगी।उन्होंने कहा कि घाट की सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा और जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जा रही है। तालाब में जमा गाद की सफाई और आसपास की झाड़ियों की कटाई का कार्य पूरा होने के बाद रंगीन लाइटों व फूलों की सजावट का कार्य आरंभ हो गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार का छठ पर्व पहले से अधिक भव्य और सुव्यवस्थित रूप में मनाया जाएगा। श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा की जा रही है। इधर, क्षेत्र के अन्य छठ घाटों पर भी सफाई व मरम्मत कार्य प्रारंभ हो गया है। इस कार्य में स्थानीय युवाओं और समाजसेवियों की सक्रिय भूमिका रही है।इस क्रम में दीपक साहा, चंदन भगत, राजू दे, विकास दास, राजेश हेंब्रम, रविंद्र भगत, मिलन रूज आदि सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं।