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सरायकेला में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ, उपायुक्त ने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

रिपोर्ट: MANISH 14 घंटे पहलेझारखण्ड

03 से 23 दिसंबर तक गांव-गांव पहुंचेगा संदेश, उपायुक्त नितिश कुमार सिंह ने बाल विवाह रोकथाम को बताया सामाजिक दायित्व

सरायकेला में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ, उपायुक्त ने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

सरायकेला : बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत बुधवार को सरायकेला समाहरणालय परिसर में उपायुक्त नितिश कुमार सिंह ने जिलेव्यापी जन-जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया तथा हस्ताक्षर अभियान की भी शुरुआत की। यह रथ 3 से 23 दिसंबर 2025 तक जिले के विभिन्न गांवों में भ्रमण कर बाल विवाह उन्मूलन से जुड़े संदेश आमजन तक पहुंचाएगा। उपायुक्त ने कहा कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक कुप्रथा है जिसका प्रभाव बालिकाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और मानसिक विकास पर अत्यंत प्रतिकूल पड़ता है। कम उम्र में गर्भधारण जच्चा-बच्चा दोनों के जीवन के लिए जोखिमपूर्ण होता है और बालिकाओं के भविष्य को अवरुद्ध कर देता है। उन्होंने बताया कि लड़के की न्यूनतम विवाह आयु 21 वर्ष और लड़की की 18 वर्ष निर्धारित है। इसका उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दो वर्ष तक का कारावास अथवा दोनों हो सकते हैं। उपायुक्त ने जिलेवासियों से अपील की कि बाल विवाह की किसी भी आशंका की सूचना तुरंत प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों को दें। कार्यक्रम में अनुमंडल पदाधिकारी निवेदिता नियति, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर, सीडीपीओ आदित्यपुर दुर्गेश नन्दिनी तथा विभिन्न विभागों के पदाधिकारी मौजूद रहे। जागरूकता रथ बाल श्रम, बाल तस्करी और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 से संबंधित जानकारी भी जन-जन तक पहुंचाएगा।

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