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गम्हरिया में चित्रगुप्त महासमिति ने राष्ट्रनिर्माण की विरासत को पुनर्स्मरण करते हुए किया प्रथम राष्ट्रपति को नमन

रिपोर्ट: MANISH 15 घंटे पहलेझारखण्ड

गम्हरिया में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 141वीं जयंती पर चित्रांशों ने दी श्रद्धांजलि

गम्हरिया में चित्रगुप्त महासमिति ने राष्ट्रनिर्माण की विरासत को पुनर्स्मरण करते हुए किया प्रथम राष्ट्रपति को नमन

गम्हरिया : देश के प्रथम राष्ट्रपति और स्वतंत्रता आंदोलन के नैतिक स्तंभ, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 141वीं जयंती पर गम्हरिया में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह ने उनके आदर्शों और अनुकरणीय जीवन को नई पीढ़ी के सामने फिर से जीवंत कर दिया। चित्रगुप्त महासमिति द्वारा गम्हरिया के चित्रगुप्त नगर स्थित चित्रगुप्त भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में सदस्यों ने डॉ. प्रसाद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। समिति के उपाध्यक्ष के.एम. श्रीवास्तव ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि राजेन्द्र बाबू भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के उन महानायक थे जिन्होंने स्वाधीन भारत की आधारशिला अपने नैतिक मूल्यों, सादगी और अद्वितीय धैर्य से मजबूत की। उन्होंने कहा कि डॉ. प्रसाद की सत्यनिष्ठा ही उन्हें विश्वभर में विशिष्ट नागरिक-नेता के रूप में पहचान दिलाती है। कार्यक्रम का संचालन महासचिव संजय कुमार वर्मा ने किया। वक्ताओं ने उनके संघर्षपूर्ण जीवन, चंपारण आंदोलन से लेकर संविधान निर्माण में निभाई ऐतिहासिक भूमिका तथा राष्ट्रपति पद पर उनके आदर्श नेतृत्व को विस्तार से याद किया। वक्ताओं ने कहा कि राजेन्द्र बाबू का जीवन आज भी सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी, नैतिकता और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने का संदेश देता है। समारोह में महेंद्र प्रसाद कर्ण, प्रभाष श्रीवास्तव, भूदेव वर्मा, मुकेश श्रीवास्तव, महेश कुमार श्रीवास्तव, अरूंजय सिन्हा समेत समिति के अनेक सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य था भारत की नैतिक रीढ़ को पुनर्स्मरण करना और नई पीढ़ी में आदर्श नेतृत्व की प्रेरणा जगाना।

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