जीवन प्रमाण पत्र अपडेट कराने के नाम पर 16.92 लाख की साइबर ठगी, पुलिस ने मुख्य आरोपी मो. सकीर असारी को दबोचा
1930 पर त्वरित शिकायत, अकाउंट होल्ड कर तकनीकी जांच से खुला बड़ा साइबर गैंग, अन्य आरोपियों की तलाश जारी

चाईबासा : मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के करलाजोड़ी गांव में जीवन प्रमाण पत्र अपडेट कराने के नाम पर 16 लाख 92 हजार रुपये की साइबर ठगी के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। शिकायत मिलने के बाद पीड़ित द्वारा साइबर टोल फ्री नंबर 1930 पर तुरंत कॉल करने के कारण पुलिस ने संबंधित सभी संदिग्ध खातों को समय रहते होल्ड करा लिया, जिससे रकम के और ट्रांसफर होने से बचाव हुआ। पुलिस की त्वरित कार्रवाई, तकनीकी साक्ष्यों और CCTV फुटेज के आधार पर इस ठगी में शामिल मो. सकीर असारी (20 वर्ष), पिता - मो. जमशेद अंसारी, निवासी रघुनाथपुर, थाना खागा, जिला देवघर को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से अपराध में प्रयुक्त मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है। पूछताछ में आरोपी ने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है और साथ ही यह भी बताया कि इस गिरोह में कई अन्य साइबर अपराधी शामिल हैं जो संगठित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे फर्जीवाड़े को अंजाम देते हैं। पुलिस अब गैंग के अन्य सदस्यों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी कॉल, लिंक या ऐप के माध्यम से दस्तावेज अपडेट करने से पहले उसकी सत्यता अवश्य जांचें और संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।