सभी उपायुक्त को चुनाव आयोग का सख्त निर्देश, निजी हाउसिंग कॉम्प्लेक्सों में बूथ पर राजनीतिक दलों की सलाह को करें नज़रअंदाज़
31 दिसंबर तक सर्वे अनिवार्य, 250 घर या 500 मतदाताओं वाली सभी गेटेड सोसाइटी में बूथ बनने की संभावना जांचने का आदेश

कोलकाता : राज्य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी तेज़ है और इसी बीच निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारियों व जिला निर्वाचन अधिकारियों को नए व कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने साफ कर दिया है कि निजी हाउसिंग कॉम्प्लेक्सों में मतदान केंद्र बनाए जाने को लेकर किसी भी राजनीतिक दल की राय पर विचार नहीं किया जाएगा। यह निर्णय ऐसे समय आया है जब विभिन्न दलों की ओर से इस मुद्दे पर परस्पर विरोधी सुझाव मिल रहे थे। कुछ दलों ने तर्क दिया था कि निजी सोसाइटी में मतदान केंद्र बनने से निवासियों को सुरक्षा व गोपनीयता की समस्या हो सकती है। वहीं, दूसरी ओर कई लोगों ने इन कॉम्प्लेक्सों में बूथ बनाए जाने को बुजुर्गों व असहाय मतदाताओं के लिए बेहद सुविधाजनक बताया। गुरुवार रात आयोग द्वारा जारी पत्र में यह नाराज़गी भी जताई गई कि अब तक किसी भी जिले ने निजी मल्टी-टावर कॉम्प्लेक्सों की सूची प्रस्तुत नहीं की है जबकि यह ज़िम्मेदारी पूरी तरह जिला प्रशासन पर है। आयोग ने निर्देश दिया है कि ड्राफ्ट वोटर सूची प्रकाशित होते ही यानी 16 दिसंबर के बाद सभी जिले तत्काल विशेष सर्वे कराएं। इसमें ऊंची इमारतें, गेटेड सोसाइटी, आरडब्ल्यूए कॉलोनियां, समूह आवास व झुग्गी बस्तियां शामिल होंगी जहाँ न्यूनतम 250 घर या 500 मतदाता मौजूद हों। जिलाधिकारियों को ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद उपयुक्त कमरों की उपलब्धता की रिपोर्ट तैयार करनी होगी और यह मूल्यांकन करना होगा कि वहाँ बूथ बनाया जा सकता है या नहीं। निर्वाचन आयोग ने यह पूरा कार्य 31 दिसंबर तक हर हाल में संपन्न करने का आदेश दिया है।